किसान मोर्चा ने चेताया, आंदोलन को बदनाम करने से बाज आए बीजेपी

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17 जून। किसान आंदोलन को बदनाम करने की लगातार चल रही कोशिश के तहत टिकरी बॉर्डर के नजदीक एक स्थानीय व्यक्ति के आत्महत्या कर लेने के मामले का इस्तेमाल बीजेपी/जेजेपी हरियाणा सरकार, उसके राजनैतिक एजेंट और उनकी ट्रोल आर्मी किसान आंदोलन को फंसाने के लिए कर रहे हैं। पुलिस द्वारा दायर एफआईआर (संख्या 196, दिनांक 17 जून, पुलिस थाना बहादुरगढ़ सेक्टर 6) के अनुसार कल 16 जून को मुकेश पुत्र जगदीश लाल निवासी गांव कसार, बहादुरगढ़ अपने गांव के नजदीक एचपी पैट्रोल पंप के पास जल गया। एफआईआर में आरोपी के रूप में एक व्यक्ति कृष्ण का नाम है जिसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह स्थान टिकरी बॉर्डर पर किसानों के टेंट के एकदम नजदीक है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने इस घटना के बारे में अब तक प्राप्त सूचना सार्वजनिक है-

कल रात कसार गांव के नजदीक एचपी पेट्रोल पंप के पास एक व्यक्ति को अकेले देखा गया। उसने अचानक अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा ली, जैसे ही किसान मोर्चा के वॉलंटियर ने यह देखा उसकी ओर दौड़े, आग बुझाई और उसकी जान बचाई। उस व्यक्ति ने बताया कि उसने पारिवारिक समस्या से तंग आकर मरने का फैसला किया था। पेट्रोल पंप के कर्मचारी ने मुकेश की पहचान कर परिवार को सूचना दी, जो घटनास्थल पर पहुंचकर उसे अस्पताल ले गए। अफसोस की बात है कि जहां किसानों ने एक अनजान व्यक्ति की जान बचाने की कोशिश की, वहां उसी घटना में किसान आंदोलन पर हत्या का आरोप लगाया जा रहा है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा सरकार से अपील की है कि वह इस दुखद घटना का राजनीतिक फायदा उठाने की बजाय इसकी निष्पक्ष जांच करवाए, जिसमें मोर्चा हर तरह से सहयोग करेगा। मोर्चा ने जनता से अपील की है कि इस महान आंदोलन को बदनाम करने की साजिशों पर कान न दें।

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