5 अक्टूबर। लखीमपुर खीरी में रविवार की क्रूर और बर्बर घटनाओं के बाद, जहां चार प्रदर्शनकारी किसानों और एक स्थानीय पत्रकार को वाहनों से कुचलकर मार डाला गया था, प्रदर्शनकारियों और उनके हिंसक व्यवहार के बारे में कई सवाल उठाए गए थे। लेकिन कुछ समय बाद ही लखीमपुर खीरी में हुई घटनाओं की हकीकत सामने आ गयी। मंगलवार सुबह एक वीडियो सामने आया, जिसकी वजह से ‘भक्त’ टीवी चैनलों को भी अपने मानकों के अनुसार न्याय की मांग करनी पड़ी, भले ही किसी भी मीडिया हाउस ने रविवार रात से चलायी गयी कहानी के लिए माफी नहीं मांगी। वीडियो से साफ हो जाता है कि मंत्री अजय मिश्रा टेनी और उनके बेटे द्वारा दिया गया बयान झूठा था।
विरोध प्रदर्शन से लौट रहे, शांति से चलते हुए, साजिश से अनजान, किसान प्रदर्शनकारियों को मंत्री के वाहनों द्वारा बुरी तरह कुचल दिया गया। कई चश्मदीद गवाह अब वीडियो जारी कर पुष्टि कर रहे हैं, जिससे यह भी पता चलता है कि मंत्री का बेटा आशीष मिश्रा वास्तव में ‘थार’ वाहन चला रहा था, जिससे वह बाद में उतर गया और पुलिस द्वारा प्रदान किये गये कवर और समर्थन के साथ, और प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग करते हुए भाग गया। पत्रकार रमन कश्यप के परिवार का कहना है कि उनके बेटे की भी मौत भी वाहनों द्वारा कुचलने से हुई है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि वह अपने पहले के बयान पर कायम है कि प्रदर्शनकारियों में से एक को मंत्री-पुत्र की टीम द्वारा गोली मारी गयी थी। मुक्रोन्या नानपारा निवासी गुरविंदर सिंह पुत्र सुखविंदर सिंह (20 वर्ष) की गोली लगने से मौत हुई थी। हालांकि पहले पोस्टमार्टम में इसकी पुष्टि नहीं हुई। इस मामले में एम्स, बीएचयू, पीजीआई के डॉक्टरों की टीम और एक वरिष्ठ फोरेंसिक डॉक्टर द्वारा वीडियो रिकार्डिंग के तहत और एसकेएम प्रतिनिधियों की मौजूदगी में बहराइच में दोबारा पोस्टमार्टम किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार अन्य शहीद किसानों के शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा। विज्ञप्ति जारी होने के समय तक एक दाह संस्कार हुआ है।
विर्क खतरे से बाहर
लखीमपुर खीरी हत्याकांड में गंभीर रूप से घायल हुए एसकेएम नेता तेजिंदर विर्क का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में स्थानांतरित होने के बाद न्यूरो-सर्जरी प्रक्रिया के साथ ऑपरेशन किया गया। डॉक्टरों ने उन्हें अब खतरे से बाहर बताया है। एसकेएम उनके पूर्ण और शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता है।
प्रमुख मांगें कायम
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि सोमवार को प्रशासन के साथ समझौता केवल अंतिम संस्कार का मार्ग प्रशस्त करने के लिए था। एसकेएम की प्रमुख मांगें कायम हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने आशीष मिश्रा टेनी और उसके साथियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। एसकेएम ने अजय मिश्रा टेनी और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर को उनके पदों से तुरंत बर्खास्त करने की भी मांग की है। वर्तमान सरकार की नैतिकता की कमी पूरी तरह से उजागर हो चुकी है। इन मुख्य मांगों के साथ एसकेएम जल्द ही आगे की कार्रवाई और कार्यक्रम की घोषणा करेगा और मांगें पूरी होने के पहले आंदोलन समाप्त नहीं किया जाएगा।
चढूनी की गिरफ्तारी की निन्दा
संयुक्त किसान मोर्चा ने ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एसकेएम नेता गुरनाम सिंह चढूनी की सोमवार शाम से कई घंटों तक गिरफ्तारी और हिरासत की निंदा की। चढूनी को अब रिहा कर दिया गया है।
साफ है कि योगी सरकार दुनिया के सामने उभर रहे लखीमपुर खीरी हत्याकांड की सच्चाई से घबरायी हुई है और अपना बचाव करने की कोशिश कर रही है। संयुक्त किसान मोर्चा ने पंजाब से लोगों को लखीमपुर खीरी आने से रोकने के लिए यूपी सरकार के प्रयासों की निंदा करते हुए कहा है कि यूपी सरकार को उसके संबंध में पंजाब सरकार के मुख्य सचिव को अपना पत्र वापस ले लेना चाहिए। यूपी सरकार नागरिकों के मूल अधिकारों के हनन से बाज आए।
दिल्ली में प्रदर्शन
नयी दिल्ली में यूपी भवन के बाहर आयोजित एक विरोध प्रदर्शन के दौरान सोमवार को मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन में दिल्ली पुलिस कई प्रदर्शनकारियों को उठाकर ले गयी तथा कई घंटों तक उन्हें हिरासत में रखा।
राजस्थान में किसानों पर लाठीचार्ज
राजस्थान में हनुमानगढ़ में धान खरीद को लेकर कलेक्ट्रेट पर धरना दे रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि पुलिस किसानों का पीछा कर रही थी और दौड़ रहे किसानों पर अंधाधुंध लाठियां बरसा रही थी। संयुक्त किसान मोर्चा ने इसकी कड़ी निंदा की है। खबर है कि कुछ किसान घायल हो गए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एसकेएम विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा चलाई जा रही राज्य सरकारों से राजनीतिक लाभ के लिए किसानों के आंदोलन का उपयोग करने के बजाय किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीद करने, आपदा मुआवजा देने आदि किसानों के बुनियादी अधिकार उन्हें प्रदान करके अपना समर्थन और सहानुभूति दिखाएं। राजस्थान सरकार को किसानों के कहे अनुसार धान की खरीद शुरू करनी चाहिए और यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि सिंचाई के पानी के अभाव के कारण फसलें नष्ट न हों।
कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन
हिमाचल प्रदेश, बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में किसान आंदोलन अधिक गति और तीव्रता प्राप्त कर रहा है और किसानों के लखीमपुर खीरी हत्याकांड के खिलाफ आक्रोश और प्रतिरोध व्यक्त करने के लिए कई स्थानों पर हुआ स्वतःस्फूर्त विरोध इसे प्रदर्शित करता है। किसानों के आंदोलन की बढ़ती ताकत को नजरअंदाज न करना किसान विरोधियों के अपने हित में होगा।
कई जगहों पर भाजपा नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। सोमवार को हरियाणा के फतेहाबाद में बड़ी संख्या में किसान सांसद सुनीता दुग्गल के विरोध में काले झंडे के साथ जमा हुए, जो आखिरकार नहीं आयीं। मेरठ में पूर्व मंत्री और एमएलसी चौधरी वीरेंद्र सिंह को सिवाया टोल प्लाजा पर काले झंडे के विरोध का सामना करना पड़ा।
लोकनीति सत्याग्रह पदयात्रा
गांधी जयंती पर चंपारण में शुरू हुई लोकनीति सत्याग्रह यात्रा मंगलवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गयी। यात्रा मंगलवार सुबह रामपुर खजुरिया से रवाना होकर गोपालगंज जिले के मोहम्मदपुर पहुंची जहां स्थानीय नागरिकों ने इसका जोरदार स्वागत किया। किसान जनजागरण पदयात्रा आज रात तक सिवान जिले के मदारपुर पहुंचेगी। यात्रा के हर दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक अहम सवाल किया जा रहा है। आज का सवाल युवा और बूढ़े किसानों द्वारा समान रूप से उठाया जा रहा है – सरकार किसानों के लिए एमएसपी गारंटी कानून कब बनाएगी? पदयात्री केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को तत्काल बर्खास्त करने और उनके बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी की भी मांग भी कर रहे है।