जनता की मेधा
— कृष्ण कांत —
यह मेधा पाटकर हैं। अपने ऑफिस में अपने बिस्तर पर बैठी दाल-रोटी खा रही हैं। यह कमरा उनके सोने का भी...
प्रेस की आजादी और लोकतंत्र
— रामशरण —
तीन मई प्रेस की आजादी के महत्त्व को समझने का दिन है। प्रेस पूरी दुनिया की आजादी के लिए लड़ने वाला समुदाय...
यह घोर मजदूर-विरोधी व्यवस्था है
— मंजुल भारद्वाज —
भूमंडलीकरण ने श्रमिकों के मानवाधिकारों, श्रम की गरिमा, प्रतिरोध की आवाज, बेहतर पारिश्रमिक को तार-तार कर मालिकों के मुनाफे की राह...
‘न्यू इंडिया’ में ‘सीवर’ से सफाईकर्मियों की मौत का बढ़ता ग्राफ
हर नागरिक को गरिमामय जीवन मुहैया कराना लोकतंत्र में सरकार का दायित्व होता है। लेकिन आज जब हम रात-दिन 'न्यू इंडिया' का डंका पीटते...
जनविरोधी नीतियों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल
— गौतम मोदी —
अभी 23 मार्च को पूरे देश ने भगतसिंह, सुखदेव, और राजगुरु की शहीदी को नमन किया। भाजपा के नेतागण और मोदी...
लड़ाई हिन्दुस्तानियत बचाने की है
— क़ुरबान अली —
भारत में हाल के दिनों में जो घटनाएं सामने आयी हैं उससे मन बहुत खिन्न है। पहले उत्तराखंड के हरिद्वार में पिछले...
बुल्ली बाई प्रकरण : संवेदनाओं और मूल्यों की नीलामी
— राजू पाण्डेय —
निश्चित ही नफरत के पुजारियों ने इस बात का जश्न मनाया होगा कि वे बीस-इक्कीस वर्ष की आयु के तीन हिन्दू...
लखीमपुर हत्याकांड उत्तर प्रदेश चुनाव का मुद्दा बनेगा?
— डॉ सुनीलम —
लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड की सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार गठित एसआईटी की रिपोर्ट आ गयी है। इसमें स्पष्ट तौर पर लिखा...
ठेका कर्मचारी होना यानी ठगे जाना : मारुति की मिसाल
— रवींद्र गोयल —
भारत में मजदूरों का बहुलांश (94 प्रतिशत) असंगठित क्षेत्र में ही काम करता है जहाँ काम की हालत बहुत खराब है,...
आर्यन के बहाने
— कुमार कुलानंद मणि —
किंग ऑफ बालीवुड शाहरुख ख़ान पुत्र आर्यन ख़ान पिछले कुछ दिनों से भारत के मुख्य समाचार बने हुए हैं। उनके...














