हिरासत में मौत के मामलों में उप्र नंबर 1, तीन साल...
— रणविजय सिंह —
हाल के दिनों में, 'यूपी नंबर 1', यह लाइन और इससे जुड़े पोस्टर-विज्ञापन बहुतायत में देखने को मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश...
उत्तर प्रदेश में ध्रुवीकरण का खतरनाक खेल
— मोहम्मद शोएब, राजीव यादव व संदीप पाण्डेय —
अगले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव होने हैं। कोविड के समय कुप्रबंधन, पंचायत चुनावों में करारी...
वनाधिकार कानून कहां है
— नवनीश कुमार —
हाल ही में गोरे अंग्रेजों के समय के दमनकारी ''देशद्रोह'' कानून की वैधता पर हैरानी जताते हुए सरकार से पूछा है...
उत्तर प्रदेश बन गया है कुशासन की मिसाल
भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के वादे पर सत्ता में आयी थी, लेकिन उसने इसे जंगलराज में बदल दिया है।...
गांधीवादी संस्थाओं पर गिद्ध-दृष्टि
— जागृति राही —
गांधी विचार की संस्थाओं, आश्रमों में घुसपैठ और उन पर कब्जे की कोशिश बीजेपी की सरकारें और संघ के समर्थक लगातार...
फादर की मौत का गुनहगार कौन
— डॉ सुनीलम —
फादर स्टेन स्वामी की अंतरिम जमानत की सुनवाई पूरी होने से पहले ही उनकी मौत हो गई।
84 वर्ष की उम्र तक...
राहुकाल से लोकतंत्र के निकलने की शेषकथा
— जयराम शुक्ल —
(तीसरी और अंतिम किस्त )
चाटुकारिता भी कभी-कभी इतिहास में सम्मान योग्य बन जाती है। आपातकाल के उत्तरार्ध में यही हुआ। देशभर से...
जब जेपी की हुंकार से सिंहासन हिल उठा
— जयराम शुक्ल —
कांग्रेस के अध्यक्ष देवकांत बरुआ का नारा ‘इंदिरा इज इंडिया’ गली-कूचों तक गूँजने लगा। इसी बीच मध्यप्रदेश में पीसी सेठी को...
अनुशासन के नाम पर यातना पर्व
— जयराम शुक्ल —
आपातकाल पर मेरे दो नजरिए हैं, एक- जो मैंने देखा, दूसरा- जो मैंने पढ़ा और सुना। चलिए पहले से शुरू करते हैं। वो स्कूली...














