बोलते रहना जरूरी है
— श्रवण गर्ग —
कुछ पर्यटक स्थलों पर ‘ईको पाइंट्स’ होते हैं जैसी कि मध्यप्रदेश में प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थान माण्डू और सतपुड़ा की रानी के...
बिहार आंदोलन के नारे
(किसी भी आंदोलन की सबसे ऊर्जस्वी और संक्षिप्ततम अभिव्यक्ति नारों में होती है। नारे धीरे-धीरे उस आंदोलन की पहचान और प्रेरणा भी बन जाते...
हमारे लोकतांत्रिक मूल्य क्या इतने कमजोर हैं!
— शिवानंद तिवारी —
बिहार आंदोलन के दरमियान पटना के गांधी मैदान में जयप्रकाश जी की सभा होने वाली थी। तारीख का स्मरण नहीं है।...
आपातकाल को भूल नहीं सकते
— रामबाबू अग्रवाल —
आजाद भारत के इतिहास में 25 जून की तारीख अहम है। इसी दिन यानी 25 जून 1975 को स्वतंत्र भारत के...
पत्रकारिता की बलि चढ़ाता मीडिया
— शैलेन्द्र चौहान —
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का काम यह होना चाहिए था कि वह लोगों को जागरूक करे किन्तु टीआरपी के चलते समाचार चैनल इन दिनों...
ऐतिहासिक घटना है किसान मोर्चा व श्रमिक संघों का साथ आना
— सुनीलम —
एक मई को दुनियाभर में मई दिवस, 'दुनिया के मजदूरो एक हो' के नारे के साथ मनाया जाता है। भारत में भी...
सोशल मीडिया ने दिखाई ताकत
— सुनीलम —
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में रोज 3 लाख से अधिक पीड़ित जुड़ रहे हैं। औसतन 3000 से अधिक पीड़ितों की...
वैकल्पिक मीडिया : सरकार के शिकंजे के बीच वजूद बचाने का...
— अमिताभ —
भारत में डिजिटल मीडिया का अस्तित्व तीन दशक से भी कम पुराना है लेकिन इतने कम समय में ही उसने बड़ी पूँजी पर...
बिहार सशस्त्र पुलिस विधेयक : दमन का नया औजार
– अनिल सिन्हा —
बिहार विधानसभा में 23 मार्च, 2021 को पुलिस बुलाकर विधायकों की पिटाई का मामला फिलहाल शांत होनेवाला नहीं है। विपक्ष के...













