अरबपतियों की भारत छोड़ो योजना
— रमाशंकर सिंह —
खबर थी कि आठ हजार करोड़पति (वास्तव में कहना चाहिए कि अरबपति क्योंकि जो बाहर बसने की तैयारी में हैं वे...
अर्थव्यवस्था की कसौटी
— शिवानंद तिवारी —
ब्रिटेन की आबादी जहां सात करोड़ से भी कम है। वहीं हमारी आबादी एक सौ बत्तीस करोड़ के आसपास है। लेकिन...
जनविरोधी नीतियों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल
— गौतम मोदी —
अभी 23 मार्च को पूरे देश ने भगतसिंह, सुखदेव, और राजगुरु की शहीदी को नमन किया। भाजपा के नेतागण और मोदी...
जमा धनराशि पर बैंकों की जवाबदेही तय होनी चाहिए
— अजय खरे —
देश भर में हो रहे साइबर अपराध के चलते करोड़ों जमाकर्ताओं का बैंकों में रखा पैसा सुरक्षित नहीं कहा जा सकता...
विषमता की खाई में विकास की समाधि
— जयराम शुक्ल —
लोकभाषा के बडे़ कवि कालिका त्रिपाठी ने कभी रिमही में एक लघुकथा सुनाई थी। कथा कुछ ऐसी थी कि..दशहरे के दिन...
भूख है तो सब्र कर
— जयराम शुक्ल —
मुट्ठीभर गोबरी का अन्न लेकर लोकसभा पहुंचे डॉ राममनोहर लोहिया ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरूसे कहा- लीजिए, आप भी खाइए इसे,...
ठेका कर्मचारी होना यानी ठगे जाना : मारुति की मिसाल
— रवींद्र गोयल —
भारत में मजदूरों का बहुलांश (94 प्रतिशत) असंगठित क्षेत्र में ही काम करता है जहाँ काम की हालत बहुत खराब है,...