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किसानों के धरने में कर्मचारी भी जुड़ेंगे

by Rajendra Rajan
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7 अप्रैल। किसानों ने चेतावनी दी है कि बिजली संशोधन बिल पर लिया गया यूटर्न केंद्र सरकार को महंगा पड़ेगा। किसान नेताओं ने कहा है कि केंद्र सरकार बिजली संशोधन विधेयक, 2020 को कानून में बदलने का विचार न करे, जो कि वादे का उल्लंघन होगा। क्योंकि केंद्रीय मंत्रियों ने किसान-नेताओं को आश्वासन दिया था कि इस बिल को रद्द कर दिया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल किसान संगठनों ने दिल्ली के किसान मोर्चे को मजबूत बनाने के लिए तैयारी की है। डेमोक्रेटिक मुलाजिम फेडरेशन और पंजाब सबऑर्डिनेट सर्विस फेडरेशन के बैनर तले पंजाब के हजारों कर्मचारियों ने समर्थन देते हुए 11 अप्रैल को दिल्ली रवाना होने की तैयारी शुरू कर दी है।

दो दिन पहले रात में आए तेज तूफान और हल्की बारिश ने किसानों को मायूस कर दिया, क्योंकि अपने बच्चों की तरह पाली हुई गेहूं की फसल पकने के लिए तैयार है और कुछ दिनों में कटाई शुरू हो जानी है। किसानों ने कहा कि तेज हवाओं के कारण फसल खेतों में बिखर गई है और तूफान ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। तेज हवाओं के कारण फसलें खेतों में बिखर गईं और कुछ समय बाद हल्की बारिश भी हुई, जिससे पैदावार प्रभावित होगी।

केंद्र सरकार ने चुपचाप बीटी कॉटन के बीज की कीमत में बढ़ोतरी कर दी है। किसान नेताओं ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि 37 रु. प्रति पैकेट कीमत बढ़ाकर सरकार ने किसानों पर एक और हमला किया है। किसानों ने कहा कि इससे केवल पंजाब के ही किसानों पर 14 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। पिछले साल यह पैकेट 730 रु. में तय किया गया था और अब 767 रु. में पैकेट की आपूर्ति शुरू की गई है जो कि कपास के किसानों को प्रभावित करेगी।

लगातार सातवें महीने भी पूरे पंजाब में पक्के धरने जारी रहे। पंजाब के 32 किसान संगठन, जो कि संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा हैं, 68 स्थानों पर दिन-रात धरना दे रहे हैं, जिनमें भाजपा नेताओं के घरों के सामने, टोल प्लाज़ा, रेलवे स्टेशन पार्क और अंबानी व अडानी का व्यावसायिक परिसर शामिल है।

वहीं दूसरी ओर, हरियाणा के किसान संगठन भाजपा व जजपा के नेताओ का लगातार विरोध कर रहे हैं और चेतावनी दी है कि जब तक किसान आंदोलन चल रहा है वे किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में न जाएं। भाजपा के ओमप्रकाश धनखड़, नायब सैनी व अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट डालनेवाले विधायक गोपाल कांडा का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस कार्रवाई किए जाने के बाद किसान मोर्चा ने किसानों से अपील की है कि भाजपा व जजपा के नेताओं का शांतिपूर्ण सामाजिक बहिष्कार जारी रखें।

किसान आंदोलन के समर्थन में उत्तर प्रदेश महिला आयोग की एक सदस्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

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