Tag: आचार्य नरेन्द्रदेव
राजनीति के नहीं, लोकनीति के मसीहा जयप्रकाश
— डॉ० लक्ष्मीनारायण लाल —
सन् १६७० तक आते-आते सर्वोदयी जयप्रकाश ने यह महसूस करना शुरू किया कि सर्वोदय में प्रेम-तत्व तो है, पर अन्याय-असमानता...
आचार्य नरेन्द्रदेव की वैचारिक विरासत की नयी प्रासंगिकता
— आनंद कुमार —
राष्ट्रीयता, लोकतंत्र और समाजवाद के महासाधक आचार्य नरेन्द्रदेव (३१ अक्तूबर १८८९, फैज़ाबाद – १९ फरवरी १९५६, इरोड) आधुनिक भारत के राष्ट्र-न्रिर्माताओं...
विजयदेव नारायण साही की कुछ स्मृतियाँ
— प्रो आनंद कुमार —
विजय देव नारायण साही को उनके जन्म शताब्दी वर्ष में याद करके हम अपने एक यशस्वी पुरखे की उपलब्धियों की...
यदि हिंदू-राज्य का नारा कार्यान्वित किया गया तो लोकतंत्र मुरझा जाएगा...
यदि हमें सुदृढ़ राज की स्थापना करनी है तो हमें समाज को समता के आधार पर संघटित करना होगा। यदि प्रभुशक्ति सर्वसाधारण में निहित...