23 जनवरी. समाजवादी चिंतक और राजनेता प्रो मधु दंडवते की जन्मशती का आरम्भ हुआ और 21 जनवरी को दिल्ली के नये महाराष्ट्र सदन में उनकी स्मृति में सभा आयोजित की गयी। स्मृति सभा में सीताराम येचुरी, केसी त्यागी, फारुख अब्दुल्ला, हरभजन सिंह सिद्धू, प्रो टी के ओमन, प्रो आनंद कुमार, सुरेश खैरनार आदि ने देश की राजनीति और समाजवादी आंदोलन में उनके योगदान पर चर्चा की।
इस मौके पर जन्मशती समारोह समिति के संयोजक अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि जिन नेताओं की संतानें राजनीति में नहीं हैं उन्हें भुला दिया जाता है लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे, मधु दंडवते की स्मृति में पूरे देश में आयोजन करेंगे. इस सिलसिले की शुरुआत हो गई है.
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि आज लोकतंत्र को सुनियोजित और संगठित तरीके से नष्ट किया जा रहा है, लोकतंत्र की सारी संस्थाएं इस हमले की चपेट में हैं. इन्हें बचाने के लिए आज समाजवादियों और कम्युनिस्टों को साथ आने की जरूरत है.

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि आज देश में धर्म के नाम पर नफरत फैलाई जा रही है, हमें यह संदेश फैलाना है कि मानवता का धर्म सर्वोपरि है.
हिंद मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव हरभजन सिंह सिद्धू ने मजदूर आंदोलन में मधु दंडवते के योगदान के बारे में बताते हुए कहा कि आज जब श्रमिकों के हित में बने कानून खत्म किए जा रहे हैं तब श्रमिकों के संघर्ष में हमेशा साथ रहे मधु दंडवते जैसे नेताओं की और शिद्दत से याद आती है.

मधु दंडवते जन्मशती समारोह समिति की ओर से इस अवसर पर एक स्मारिका भी लोकार्पित की गई, जिसमें दंडवते की जीवनी, उनके भाषणों के अंश और उनके छायाचित्र आदि शामिल किए गए हैं. जन्म शताब्दी समारोह समिति के संयोजक अरुण श्रीवास्तव ने न्यू महाराष्ट्र सदन में हुई स्मृति सभा का संचालन किया.
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