Tag: कवि राजेन्द्र वर्मा
राजेन्द्र वर्मा की दो कविताएं
1. मंडी में शकुनी
जब से ट्रैक्टर आए
हल की मुठिया ही छूटी।
काम हुआ आसान मगर,
लागत दुगुनी-तिगुनी
ऊपर से कानून,
विहॅंसता मंडी में शकुनी
हुई किसानी व्यर्थ,
आस की गागर...