Tag: केयूर पाठक
समझदारी न समझे जाने में हैं!
— केयूर पाठक —
उत्तर-आधुनिकता का दौर है- अबूझ और अपरिभाषित वास्तविकताओं का दौर. कला, धरम-करम, समाज, संस्कृति, ज्ञान, विज्ञान सब संदिग्ध और सशंकित. अनगिनत...
‘शिव’- आधुनिक पूंजीवाद के प्रतिवाद
— केयूर पाठक और रणधीर गौतम —
बिहार के मिथिला क्षेत्र में महिलाओं के लिए आदर्श वर शिव है. वहां वर के रूप में न...












