Tag: ध्रुव शुक्ल
कुम्भ के मेले में इन धर्म संकटों पर विचार कीजिए
— ध्रुव शुक्ल —
हम भारत के लोग धर्म, राजनीति, व्यापार, आबादी और पर्यावरण के क्षेत्रों में संकटग्रस्त है और इनमें ऐसा आपसी घालमेल हो...
आज़ादी कभी झूठी नहीं होती है?
— ध्रुव शुक्ल —
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत का बयान सुनकर चौंक गया। उन्होंने कहा है कि -----' राम मंदिर प्राण...
मदारी की सलाह
— ध्रुव शुक्ल —
मुसलमान को सलाम
हिन्दू को राम-राम
गुडमार्निंग ईसाई को
हर बहन, हर भाई को
किसी का भी हो राज
होती रहती है खटपट की खुजली और...
तीर्थ परमार्थ कथा कहता है
— ध्रुव शुक्ल —
तीर्थ जीवन-दर्शन है
उसमें पूर्वज आदर पाते हैं
वह संयम और शील का परीक्षा-स्थान है
जीवन के उपचार का साधन है
ज्ञानी उसको मार्ग कहा...
अपने-अपने अनुमान का मंदिर
— ध्रुव शुक्ल —
१
अपने से अनजान-सी काया में
अपने ही आह्वान का मंदिर है
अपनी ही पहचान की माया में
अपने ही अरमान का मंदिर है
अपने ही...
ये कोई बावरी-सी जिद है
— ध्रुव शुक्ल —
कोई कहता है कि मंदिर है यहाॅं
कोई कहता है कि मस्जिद है
ये कोई बावरी-सी जिद है
ये ख़ुदाई कहीं रहीम-सी लगती है
कहीं...
कहाॅं शरण है, कहाॅं शरण है
— ध्रुव शुक्ल —
कई रूप हैं, कई नाम हैं
कई लोग हैं, कई काम हैं
भरे हुए हैं कितने रंग-ढंग
कई पते हैं, कई धाम हैं
कई शब्द...
बुन्देली बोली के कवि ईसुरी की याद
— ध्रुव शुक्ल —
हंसा फिरें बिपत के मारे, अपने देस बिना रे
जिन बोलियों से मिलकर हिन्दी बनी, उनमें एक बुन्देली बोली भी है। इस...
फिर वही अंधा युग
— ध्रुव शुक्ल —
तीन सितंबर की शाम भोपाल के रवीन्द्र भवन में रंगकर्मी बालेन्द्र सिंह के निर्देशन में उनके 'हम थियेटर' के अभिनेताओं द्वारा...
मौजूदा हालात पर विमर्श का एक प्रस्ताव
— ध्रुव शुक्ल —
1. मतान्धता जीवन को मुश्किल में डाल रही है। संवाद और असहमति का सम्मान घट रहा है। संविधान पर शरीयतों और...