Tag: प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी
असंभव विनिमय और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद – प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी
'सांस्कृतिक राष्ट्रवाद ' असंभव सामाजिक- सांस्कृतिक -राजनीतिक विनिमय है। उनके यहाँ हर चीज संभव से आरंभ होती है लेकिन असंभव और अनिश्चितता में रुपान्तरित...
भारत को प्रेमचंद के नजरिए से देखो – प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी
"हमारे नबी का हुक्म है कि शादी-ब्याह में अमीर-गरीब का विचार न होना चाहिए, पर उनके हुक्म को कौन मानता है नाम के मुसलमान,...
रश्मिरथी,अस्मिता और आत्मकथा की चुनौतियां!
— प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी —
लेखक के विजन का उसके सामयिक सरोकारों के साथ गहरा संबंध होता है। इन दिनों लेखक के बारे में जितनी...
रवीन्द्रनाथ टैगोर और शूद्र स्वभाव
— प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी —
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की जिस तरह शुरुआत की है और उसे अपना प्रधान कार्यक्रम बनाया है...
संचार क्रांति में हिंदी रैनेसां
— प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी —
साइबर युग में हिंदी दिवस का वही महत्व नहीं है जो आज से चालीस साल पहले था। संचार क्रांति ने...
फासिज्म यानी अन्य का दिमाग़ निगलने का सिस्टम
— प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी —
भारत प्रथा और रिवाजों का देश इन दिनों नए सिरे से प्रथा और रिवाज बनाए जा रहे हैं और उन...
ग्लोबल मीडिया में इस्लाम के खिलाफ घृणा कैसे आयी – प्रोफेसर...
फिलिस्तीन के साथ भूमंडलीय माध्यमों का रिश्ता बेहद जटिल एवं शत्रुतापूर्ण रहा है।कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हैं जिन पर ध्यान देने से शायद बात ज्यादा...

















