Tag: साहित्य और समाज
साहित्य और हिंदी समाज
— शैलेन्द्र चौहान —
हिंदी साहित्य में आज यह स्थिति है कि स्वतः कोई पाठक आपकी रचनाएं नहीं पढ़ता। उन्हें पढ़वाने के लिए आपको स्वयं...
पुस्तक विमुख समाज में
— शैलेन्द्र चौहान —
समाज के शिक्षित वर्ग में खासतौर से हिंदीपट्टी में संप्रति साहित्य के पठन-पाठन में दिलचस्पी घटती जा रही है। यद्यपि किताबें खूब...