Tag: Dharmaveer Bharti’s poem Munadi
धर्मवीर भारती की कविता
मुनादी
ख़ल्क ख़ुदा का, मुलुक बाश्शा का
हुकुम शहर कोतवाल का...
हर खासो-आम को आगाह किया जाता है
कि खबरदार रहें
और अपने-अपने किवाड़ों को अन्दर से
कुंडी चढा़कर बन्द...