Tag: Future of Democracy
पूंजीवाद से परे जाने की जरूरत
— विजय झा —
लोकतंत्र के वर्तमान और भविष्य पर विचार करने से पहले पूंजीवाद और लोकतंत्र के संबंधों पर विचार करना आवश्यक है। पूंजीवाद...
लोकतंत्र इतनी सॉंसत में क्यों है?
— कृष्ण प्रताप सिंह —
निर्धन जनता का शोषण है, कहकर आप हॅंसे।/ लोकतंत्र का अंतिम क्षण है, कहकर आप हॅंसे/ सबके सब हैं भ्रष्टाचारी, कहकर आप हॅंसे।/...