Tag: Hindi poet Keshav Sharan
केशव शरण की चार कविताएँ
1. सेवाग्राम में गौरैया
वाराणसी से
वर्धा के बीच
अनेक तरह के पंछी मिले
जो रेल की खिड़की से
जंगल-जंगल दिखे
जिनमें थे पलाश के सुन्दर-सुन्दर फूल खिले
गौरैया दिखी
सेवाग्राम में
बापू...
केशव शरण और शंकरानन्द की कविताएं
— केशव शरण —
1. एक वे दिन एक ये दिन
एक वे दिन थे
जब माँगें मान ली जाती थीं
ज़रा-से हठ प्रदर्शन पर
यों उपद्रव पर
थोड़ी मार...
केशव शरण की चार ग़ज़लें
1.
यही हम सोचते हैं तुम अधिक कपड़े बदलते हो
कि अवसर देख कपड़ों से अधिक चेहरे बदलते हो
हमारी राह लम्बी और हम हैं दूर मंज़िल से
अजब...
केशव शरण की कविताएं
मालूम नहीं
तारे तब दिखाई देंगे
जब आसमान दिखाई देगा
जब आसमान दिखाई देगा
जब तारे दिखाई देंगे
तब चांद दिखाई देगा
जल्दी ढल जाने वाला
कितने चरणों की यात्रा होगी
उसके...