Tag: Hindi poet Mukutdhar Pandey
मुकुटधर पांडेय की कविता
किसान
"धन्य तुम ग्रामीण किसान
सरलता-प्रिय औदार्य-निधान
छोड़ जन संकुल नगर-निवास
किया क्यों विजन ग्राम में गेह
नहीं प्रासादों की कुछ चाह
कुटीरों से क्यों इतना नेह
विलासों की मंजुल मुसकान
मोहती...