Tag: Hindi writer Dhruv Shukla
हम दूसरी पृथ्वी कहां से लायेंगे?
— ध्रुव शुक्ल —
कहते हैं कि चन्द्रमा पृथ्वी का मन है। जब पूर्णिमा का चांद समुद्रों के जल को आंदोलित करके उनकी उंची उठती...
इस जीतने की फ़िक्र को क्या कहिए
— ध्रुव शुक्ल —
आजकल यही बात ज़्यादा चलती है कि सब अपनी विजय चाहते हैं, अपनी हार किसी को स्वीकार नहीं। सारे धर्म अपनी...
कभी-कभी कुछ कहने का मन नहीं होता
— ध्रुव शुक्ल —
करीब पैंतालीस साल बीत गये। पत्रिकाओं में कई लेख लिखे, अखबारों में स्तम्भ लिखे। कई ब्लाग लिखे। फिर व्हाट्सऐप पर अपनी...