Tag: indian democracy
जन प्रतिरोध ही जनतंत्र की जान है
— शशि शेखर प्रसाद सिंह —
कौमें पांच साल इंतजार नहीं करती। वे किसी भी सरकार के गलत कदम का फौरन विरोध करती हैं - डॉ राममनोहर लोहिया के...
सेकुलरिज्म और सौहार्द के अलमबरदार नेहरू आज कहीं ज्यादा प्रासंगिक हैं
— क़ुरबान अली —
महात्मा गांधी के सच्चे वारिस, आदर्श राष्ट्रप्रेमी, अद्भुत वक्ता, उत्कृष्ट लेखक, इतिहासकार, स्वप्नदृष्टा और आधुनिक भारत के निर्माता के ख़िताब से नवाज़े...
हेरत हेरत हे सखी
— उमेश प्रसाद सिंह —
मैं कबीर नहीं हूं। मगर मैं कुछ खोज रहा हूं। मैं जो खोज रहा हूं वह कोई बड़ी चीज नहीं...
आंबेडकर की सिखावन : बहुसंख्यकों की मनमानी नहीं है...
आंबेडकर मानते थे कि लोकतंत्र की पहली और सबसे जरूरी शर्त है कि बड़े पैमाने की गैर-बराबरी ना हो, हर नागरिक के साथ शासन-प्रशासन...
नागरिक सक्रियता से ही निकलेगी राह – आनंद कुमार
नए सत्ताधीशों की मेहरबानी से आज देश में सिवाय लोकतंत्र की अनिवार्यता के किसी सवाल पर कोई राष्ट्रीय सहमति नहीं बची है। फिर भी...
हमारे मौजूदा संकट के कई चेहरे हैं – आनंद कुमार
यह बहुत महत्त्वपूर्ण बात है कि देश की दशा और दिशा के मूल्यांकन और आगे का रास्ता अपनाने के लिए सरोकारी व्यक्तियों के बीच...
कुमार प्रशांत का लेख – भीड़ में खोया मतदाता : सत्ता...
स्वतंत्र भारत के पहले आम चुनाव से चलें हम और अभी जिन पांच राज्यों में चुनाव का हंगामा मचा है, उस तक का सिलसिला...