भारत को ब्रिटिश राज से लेकर इंदिरा गांधी के इमरजेंसी राज से मुक्ति में अग्रणी भूमिका के लिए सतत प्रेरणा-स्रोत रहे जयप्रकाश नारायण जीवन भर सवालों की बौछार के बीच …
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(दूसरी किस्त) सम्पूर्ण क्रांति आन्दोलन को असफल करने के लिए राजसत्ता की तरफ से की गयी व्यूह-रचना में आचार्य विनाबा भावे की प्रतिष्ठा को दाँव पर लगाने में संकोच नहीं …
(दूसरी किस्त) जयप्रकाश नारायण के सम्पूर्ण लेखन, लिखित भाषणों और बयानों को दस खण्डों में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रो बिमल प्रसाद ने सम्पादित किया है। सम्पूर्ण क्रांति सम्बन्धी उनके …
यह स्वीकार करना चाहिए कि जेपी के सार्वजनिक जीवन में तीन विवादग्रस्त निर्णय रहे हैं – (1) 1954 में समाजवादी दल से अलग होकर निर्दलीय सर्वोदय अभियान के लिए जीवन-दान …
(दूसरी किस्त) लोकहितकारी लोकतंत्र की रचना का आवाहन अंतत: कांग्रेस, कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी जैसे महत्त्वपूर्ण दलों को अपने जीवन के 1930 से 1954 तक …
मैं तुम लोगों से इतना दूर हूँ तुम्हारी प्रेरणाओं से मेरी प्रेरणा इतनी भिन्न है कि जो तुम्हारे लिए विष है, मेरे लिए अन्न है… फिर भी मैं अपनी सार्थकता …
— सच्चिदानंद सिन्हा — जेपी के चरित्र की यह विशेषता थी कि वह अपनी पुरानी मान्यताओं से चिपके नहीं रहते थे। उन्हें यह लगने लगा कि राजनैतिक दलों और यहां …
वेब पोर्टल समता मार्ग एक पत्रकारीय उद्यम जरूर है, पर प्रचलित या पेशेवर अर्थ में नहीं। यह राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह का प्रयास है।
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