Tag: Kanak Tiwari
यादों में ज़िन्दगी, मुक्तिबोध से मुक्ति नहीं
— श्री कनक तिवारी —
दिग्विजय काॅलेज की बहुत सी यादें हैं। वे लेकिन उलझती रहती हैं। गड्डमगड्ड होती रही हैं। एक दूसरे पर चढ़ी...
आदिवासी उपेक्षा की जमीनी पड़ताल
— हरिराम मीणा —
बहुत दिनों बाद मेरे हाथों में आदिवासी समाज को लेकर यह महत्त्वपूर्ण पुस्तक आई है। इस पुस्तक की शुरुआत ‘अधिवास गाथा’...
राष्ट्रीयता और समाजवाद के प्रथम पथप्रदर्शक : स्वामी विवेकानन्द
— आनंद कुमार —
भारत के ताजा इतिहास में 19वीं सदी के उत्तरार्ध को तीन कारणों से विशेष महत्त्व दिया जाता है – 1857-’60 का...
स्वामी विवेकानंद की क्रांतिकारिता पर एक नयी किताब
विवेकानंद अपने समय के अनूठे व्यक्ति थे और साधुवेश में होने के कारण उनकी क्रांतिकारिता और सामाजिक परिवर्तन की उग्र दृष्टि नयी पीढ़ियों को...