मुंडका में सीवर की सफाई करते समय दम घुटने से दो मजदूरों की मौत

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10 सितंबर। बाहरी दिल्ली के मुंडका स्थित एक अपार्टमेंट में सीवर सफाई के लिए उतरे एक ठेका सफाई मजदूर और सिक्योरिटी गार्ड की मौत का दर्दनाक मामला सामने आया है। हादसे के वक्त दोनों मजदूरों ने सुरक्षा के कोई उपकरण नहीं पहने हुए थे, और न ही उनको सोसायटी द्वारा व विभाग वालों ने कोई उपकरण दिये गए थे। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुँची दिल्ली पुलिस दोनों को अस्पताल ले गई, जहाँ डॉक्टरों ने जांच के बाद दोनों को मृत घोषित कर दिया। हरियाणा के झज्जर के रहनेवाले अशोक कुमार (30) डीडीए में सिक्योरिटी गार्ड तौर पर काम करते थे और बक्करवाला जेजे कॉलोनी निवासी रोहित (32) एक ठेका सफाई मजदूर के तौर पर काम करते थे।

इंडियन एक्स्प्रेस से मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस का कहना है, कि शुक्रवार को सोसाइटी का सीवर सफाई का काम चल रहा था। स्थानीय लोगों के बार बार दबाव के बाद रोहित सीवर के अंदर जाकर सफाई के लिए राजी हो गए। सीवर में जहरीली गैस होने के कारण वो अंदर ही बेहोश हो गए। तभी पास खड़े सिक्योरिटी गार्ड अशोक कुमार ने देखा कि काफी समय बीतने के बाद जब रोहित सीवर से बाहर नहीं आए तो रोहित को बचाने के लिए सिक्योरिटी गार्ड अशोक भी सीवर में उतरे और वह भी बेहोश हो गए। स्थानीय लोगों ने दोनों को बाहर निकालने की काफी कोशिश की लेकिन दोनों सीवर की गहराई में थे। इसके बाद लोगों ने घटना की जानकारी नजदीकी थाने में दी।

स्थानीय पुलिस ने मामले की सूचना फायर ब्रिगेड को दी। जिसके बाद सीवर के आसपास की जगह को खोदकर अंदर फंसे रोहित और अशोक को निकाला गया। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुँचाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। गौरतलब है, कि 2010 में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग द्वारा लगाए गए प्रतिबन्ध के बाद भी सफाई मजदूरों को सीवेज में उतने के लिए मजबूर किया जाता है। सफाईकर्मी अपनी जान हथेली पर लेकर सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरते हैं और आए दिन उनकी मौत की घटनाएं सामने आती रहती हैं।

सरकारी आँकड़ों के अनुसार, पिछले 5 सालों में भारत में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान 347 लोगों की मौत हुई है, जिसमें 40 फीसदी मौतें उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और दिल्ली में हुई हैं। लोकसभा में 19 जुलाई को एक सवाल के जवाब में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा, कि 2017 में 92, वर्ष 2018 में 67, वर्ष 2019 में 116, वर्ष 2020 में 19, वर्ष 2021 में 36 और 2022 में अब तक 17 सफाईकर्मियों की मौतें सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दर्ज की गई हैं।

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