Tag: kishan Pattanayak
विकल्पहीन नहीं है दुनिया
— डॉ सुनीलम —
दुनिया में जो भी ताकतवर लोग रहे हैं उनकी यह स्थापना रही है कि उनका कोई विकल्प नहीं है। वे यह...
लोहिया से भेंट और मैनकाइंड की जिम्मेवारी
— किशन पटनायक —
सोशलिस्ट पार्टी 1958 तक काफी टूट चुकी थी। ‘मैनकाइंड’ में जो लोग काम करते थे, वे छोड़कर जाने वाले थे। हठात...
अशोक सेकसरिया की संपादन प्रक्रिया
— कश्मीर उप्पल —
अशोक सेकसरिया, किशन पटनायक और सच्चिदानन्द सिन्हा से मेरी पहली मुलाकात गिरधर राठी ने सन् 1982 में इटारसी में करायी थी।...
मुख्यधारा को मोड़ने वाला कर्मयोगी
— सुनील —
किशन पटनायक को राजनीति और मीडिया की मुख्य धारा में स्थान क्यों नहीं मिला?
साथी जोशी जेकब ने मुझसे यह सवाल पूछा और...
हक अदा न हुआ
— किशन पटनायक —
मधु लिमये शुरू से मेरे लिए आदर, ईर्ष्या और असंतोष के पात्र रहे। ईर्ष्या की बात को यह कहकर समाप्त कर...
कविता का हिन्द स्वराज
— कश्मीर उप्पल —
किशन पटनायक की कविता? अच्छा, इस विधा में भी लिखा है। किशन पटनायक के पाठकों की यह जिज्ञासा भी उनकी इस कविता...
‘सेकुलर’ क्या है
— किशन पटनायक —
आर्थिक समानता का लक्ष्य एक इहलौकिक लक्ष्य है। जहाँ भी इसके लिए संघर्ष, आंदोलन होता है वहां सांप्रदायिकता की भावना कम...
विकास की कोई नई अवधारणा बन नहीं रही है, ऐसी स्थिति...
— किशन पटनायक —
यह लेख देवीप्रसाद मौर्य की पुस्तक ‘क्रांति के पहले’ (प्रकाशक-गंगा प्रसाद तिवारी, चौखंभा प्रकाशन, 9/5 जवाहर मार्ग, इंदौर, मध्य प्रदेश) के...
भारतीय समाज को कैसे देखें
— किशन पटनायक —
यह लेख देवीप्रसाद मौर्य की पुस्तक ‘क्रांति के पहले' (प्रकाशक- गंगा प्रसाद तिवारी, चौखंभा प्रकाशन, 9/5 जवाहर मार्ग, इंदौर, मध्यप्रदेश) के प्राक्कथन के...
‘चौरंगी वार्ता’ ने ऐतिहासिक भूमिका निभाई
— गंगा प्रसाद —
'चौरंगी वार्ता' सोलह पृष्ठ की दिखने में बिल्कुल साधारण साप्ताहिक पत्रिका थी। लेकिन वह थी बेजोड़ और असाधारण। उसका अपना एक...