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डॉ० लोहिया की कुछ यादें, कुछ बुनियादी बाते
— जनेश्वर मिश्र —
अगर कोई मुझसे पूछे कि मेरे मन में डॉ० लोहिया की कौन-सी सबसे उल्लेखनीय स्मृति है तो ऐसी किसी एक बात...
मधु लिमये ने आरएसएस के बारे में आगाह किया था, उनकी...
— डॉ सुरेश खैरनार —
मधु लिमये समाजवादी आंदोलन में जन्मना प्रतिभाशाली लोगों में से एक थे ! पंद्रह साल की उम्र से पहले ही,...
शहादत दिवस और लोहिया जयंती पर इंदौर में हुई गोष्ठी
24 मार्च. शहीद ए आजम भगत सिंह की पुण्यतिथि और समाजवादी चिंतक डॉ राममनोहर लोहिया की जयंती के मौके पर "वामपंथी समाजवादी आंदोलन की...
आज अगर डॉ राममनोहर लोहिया होते…
— शशि शेखर प्रसाद सिंह —
आज का दिन यानी 23 मार्च दो कारणों से भारत का एक ऐतिहासिक दिन है। आज के दिन 1910...
तुलसी के लिए चाहिए मोती कूड़ा विवेक
— अरुण कुमार त्रिपाठी —
तुलसी को पढ़ें या न पढ़ें? पढ़ें तो कैसे पढ़ें? तुलसी नफरत फैलाने वाले कवि हैं या समाज को हौसला...
जब कैप्टन अब्बास अली ने डॉ. लोहिया को आगरा में गिरफ्तार...
— क़ुरबान अली —
(यह किस्सा लगभग पचपन वर्ष पुराना है जब 1967 के आम चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश में गैर-कांग्रेसवाद की कवायद शुरू हुई थी...
इसलिए डॉ. लोहिया पर गर्व करते हैं गोवा के लोग
– अभिषेक रंजन सिंह –
प्रखर समाजवादी व मौलिक चिंतक डॉ. राममनोहर लोहिया की 111वीं जयंती कुछ ही दिन पहले मनाई गई। संयोग से...
बेहतर दुनिया के लिए लोहिया सूत्र : आनंद कुमार
डॉ.
लोहिया के चिंतन और कर्म में स्वराज, लोकतंत्र, समता और प्रगतिशील परिवर्तनों का संगम था। वह अपने दौर के सर्वाधिक सुशिक्षित व्यक्ति थे। संस्कृत, हिंदी, उर्दू, बांग्ला, मराठी, गुजराती, और तेलुगु...
हम सब पित्ती जी के ऋणी हैं : राजकुमार जैन
डॉ राममनोहर लोहिया, सोशलिस्ट पार्टी व बदरीविशाल पित्ती- ये तीन नाम आपस में ऐसे गुँथे हैं कि चाहकर भी इनको अलग नहीं किया जा सकता।
पित्ती परिवार हैदराबाद के...
इक्कीसवीं सदी के लिए लोहिया की प्रासंगिकता : आनंद कुमार
डॉ. राममनोहर लोहिया (23 मार्च 1910 – 12 अक्टूबर 1967) की 57 बरस की जीवन-यात्रा देश और दुनिया में स्वतंत्रता, न्याय, लोकतंत्र, समता और संपन्नता की एकजुटता...