Tag: Madhu Limaye
स्वतंत्रता आंदोलन की विचारधारा – मधु लिमये : 44वीं किस्त
1944 में गांधीजी की सेहत अचानक खराब हो गई थी। सरकार को ऐसा प्रतीत हुआ कि वे ज्यादा दिन जिंदा नहीं रहेंगे। वायसराय वेवल...
स्वतंत्रता आंदोलन के दस्तावेज – मधु लिमये : 43वीं किस्त
अब हम देखें कि अंग्रेजी हुकूमत द्वारा 1942 के आंदोलन का क्या मूल्यांकन किया गया था, उसके बारे में उनकी क्या प्रतिक्रिया थी?
राष्ट्रीय नेताओं...
स्वतंत्रता आंदोलन की विचारधारा – मधु लिमये : 42वीं किस्त
भारत छोड़ो’ का प्रस्ताव 8 अगस्त की रात पारित हुआ और उसके कुछ घंटों के बाद ही सरकार द्वारा भारत सुरक्षा नजरबंदी कानून के...
स्वतंत्रता आंदोलन की विचारधारा – मधु लिमये : 41वीं किस्त
अगस्त क्रांति और आजाद हिंद फौज
अब तक हमने उदारपंथियों तथा उग्रपंथियों के वैध आंदोलन, आतंकवादियों के बम पिस्तौल और महात्मा गांधी के सामुदायिक सत्याग्रह...
स्वतंत्रता आंदोलन की विचारधारा – मधु लिमये : 40वीं किस्त
नेताजी सुभाष ने अपनी पुस्तक ‘द इण्डियन स्ट्रगल’ के संपूरक अंश में (जो 1943 में उन्होंने लिखा था) कहा है कि गांधीजी के सत्याग्रह...
स्वतंत्रता आंदोलन की विचारधारा – मधु लिमये : 39वीं किस्त
स्वतंत्रता आंदोलन के प्रारंभिक चरण में त्याग, तपस्या, और हिम्मत जैसे गुणों में लोकमान्य तिलक से बढ़कर कोई नेता नहीं हुआ। उन्होंने जितनी दफा...
स्वतंत्रता आंदोलन की विचारधारा – मधु लिमये : 38वीं किस्त
गांधीजी के असहयोग आंदोलन से वातावरण इतना बदल गया कि पढ़े-लिखे लोग खादी की गठरियां लादकर खादी बेचने हेतु मोहल्ले-मोहल्ले, गांव-गांव घूमने लगे। इस...
स्वतंत्रता आंदोलन की विचारधारा – मधु लिमये 37वीं किस्त
जब नील मजदूरों की शिकायते सुनने के लिए गांधीजी चंपारण पहुंचे तो उनको उपद्रवी तत्त्व समझकर उनके ऊपर पुलिस अधीक्षक द्वारा नोटिस जारी कर...
स्वतंत्रता आंदोलन की विचारधारा – मधु लिमये : 36वीं किस्त
गांधीजी के निर्मल जीवन और साधुत्व का कई यूरोपियनों पर भी जबरदस्त प्रभाव हुआ था। उन्हीं में एक जनरल स्मट्स भी थे। दक्षिण अफ्रीका...
स्वतंत्रता आंदोलन की विचारधारा – मधु लिमये : 35वीं किस्त
गांधी प्रणीत सत्याग्रह शास्त्र
पिछले अध्याय में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संवैधानिक तौर-तरीकों तथा आतंकवादी क्रांतिकारियों के रास्ते की समीक्षा हमने की। अब हमें गांधीजी...