Tag: pannalal surana
गांधी और दलित : सातवीं किस्त
— पन्नालाल सुराणा —
अँगरेजों की शुरू की हुई शिक्षा-प्रणाली में यूरोप के उदारमतवादी विचारकों के विचार तथा वहाँ की जनतंत्र प्रणाली से पढ़े-लिखे भारतीयों...
गांधी और दलित : छठी किस्त
— पन्नालाल सुराणा —
येरवदा पैक्ट की राजनीतिक पृष्ठभूमि
अगस्त 1932 में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्से मॅकडोनल्ड ने अपना ‘कम्यूनल अवार्ड’ घोषित किया। गांधीजी उस समय...
गांधी और दलित : पाँचवीं किस्त
— पन्नालाल सुराणा —
गांधी-आंबेडकर बहस
छह साल बाद गांधीजी तथा डॉ आंबेडकर में इस विषय को लेकर थोड़ा विवाद हुआ। सन् 1936 में जलंधर के...
गांधी और दलित : चौथी किस्त
— पन्नालाल सुराणा —
वर्णाश्रम धर्म का जिक्र
सन् 1920 में गांधीजी ने यंग इंडिया नामक साप्ताहिक शुरू किया। 5 सितंबर, 1921 के अंक में प्रकाशित...
गांधी और दलित : तीसरी किस्त
— पन्नालाल सुराणा —
धर्म, वर्णाश्रम धर्म तथा अछूत प्रथा निर्मूलन
‘मैं हिंदू हूं, ऐसा कहने में मैं गर्व महसूस करता हूं।’ ऐसा गांधीजी ने कहा...
गांधी और दलित : दूसरी किस्त
— पन्नालाल सुराणा —
टॉलस्टॉय फार्म की स्थापना
बापू ने जोहानिसबर्ग के नजदीक टॉल्सटॉय फार्म बसाया। हिंदू, मुस्लिम तथा ईसाई परिवार वहाँ एकसाथ रहते। खेती...
गांधी और दलित : पहली किस्त
— पन्नालाल सुराणा —
(वरिष्ठ समाजवादी पन्नालाल सुराणा का यह लेख महात्मा गांधी के बारे में फैली या फैलायी गयी एक गलतफहमी का निराकरण करने...
‘झांकी’ से आगे
— पन्नालाल सुराणा —
अयोध्या एक झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है।
वर्ष 1986 से यह नारा संघ परिवार के लोग ढोल-नगाड़े बजा-बजाकर जनता को सुना रहे...