Tag: Prayag Shukla
गणेश पाइन : अवसाद और करुणा की आभा
— प्रयाग शुक्ल —
गणेश पाइन (1937 - 2013) का नाता बंगाल की प्रकृति, बंगाल स्कूल की चित्रकला और कोलकाता से बहुत गहरा था। वे...
रामकुमार की कला कथा
— संजय गौतम —
बनारस में गंगा के बिल्कुल किनारे राम छाटपार शिल्पन्यास। पूरा परिसर पत्थरों में तराशी गई विभिन्न आकृतियों से जीवंत। हरी-भरी घास...
भाषा में नहीं, भाषा को सोचते हुए मणि कौल
— प्रयाग शुक्ल —
मणि कौल की अधिकतर फिल्में हिंदी की साहित्यिक कृतियों पर ही केंद्रित/आधारित हैं। ‘सतह से उठता आदमी’ (मुक्तिबोध) ‘उसकी रोटी’ (मोहन...
मनोहर श्याम जोशी : एक दुर्लभ व्यक्तित्व
— प्रयाग शुक्ल —
लखनऊ से प्रकाशित होने वाली पत्रिका ‘कथाक्रम’ के लिए मनोहर श्याम जोशी से मुझे एक लंबा साक्षात्कार करना था। और इसकी याद दिलाने...
रिचर्ड बार्थोलोमिव : व्यक्ति और कला समीक्षक
— प्रयाग शुक्ल —
रिचर्ड बार्थोलोमिव को ख्याति भले ही एक कला-समीक्षक के रूप में मिली हो, पर वह एक कवि, चित्रकार, छायाकार और पत्रकार...
विष्णु प्रभाकर : उजली छवियों का एक यादगार सिलसिला
— प्रयाग शुक्ल —
साठ के दशक में हम जैसे जो युवा लेखक-कवि-पत्रकार दिल्ली आए थे, उन्हें ‘टी-हाउस’ और ‘कॉफ़ी हाउस’ की दुनिया सहज ही सुलभ हुई थी और...
प्रयाग शुक्ल : कला की दुनिया के अद्भुत चितेरे
— सूर्यनाथ सिंह —
‘देखना’ प्रयाग जी की प्रिय क्रिया है। वे चीजों को बहुत बारीकी से देखते हैं, प्रायः मुग्ध भाव से। खासकर प्राकृतिक सौंदर्य को...
प्रयाग शुक्ल की सात कविताएं
1.
जल के साथ जल हूँ
जल के साथ जल हूँ,
खेतों तक उसे लाता हुआ।
बीज के साथ बीज हूँ,
उसे उगाता हुआ।
हवा के साथ हवा हूँ,
फसल के...
शंख घोष की कविता
मेघ जैसा मनुष्य
गुजर जाता है सामने से मेरे वह मेघ जैसा मनुष्य
लगता है छू दें उसे तो झर पड़ेगा जल
गुजर जाता है सामने से...