Tag: Rammanohar Lohia
निराशा के कर्तव्य : सातवीं किस्त व अंतिम किस्त
— राममनोहर लोहिया —
आप कह सकते हो कि शुरू से आखिर तक मैंने सब निराशा वाली बात कह डाली, इसमें कर्तव्य कहाँ है। कर्तव्य...
निराशा के कर्तव्य : छठी किस्त
— राममनोहर लोहिया —
मानवीय निराशा के बारे में एक मोटी-सी बात बता दूँ कि जैसे-जैसे संगठन मजबूत बनता है, शक्तिशाली बनता है, वैसे-वैसे वह...
निराशा के कर्तव्य : पाँचवीं किस्त
— राममनोहर लोहिया —
परंपरागत और छोटे-मोटे हथियार और उसके साथ-साथ अणु हथियार और दोनों के खात्मे की बात सोचते समय दिमाग चकरा जाता है...
निराशा के कर्तव्य : चौथी किस्त
— राममनोहर लोहिया —
हथियारों के अलग-अलग स्वरूप को न बताकर, खाली इतना कह दूँ कि आज 8 खरब रुपया हर साल दुनिया हथियारों पर...
निराशा के कर्तव्य : तीसरी किस्त
— राममनोहर लोहिया —
अब अंतरराष्ट्रीय निराशा वाली बात। जिस तरह से आज का संसार चल रहा है, उसमें मुझे निराशा की दो खास बातें...
निराशा के कर्तव्य : दूसरी किस्त
— राममनोहर लोहिया —
इधर एक वक्ती निराशा की भी बात मैं बताऊँ कि साधारण तौर पर किसी भी जनता के युग हुआ करते हैं।...