– समता मार्ग –
नई दिल्ली। 23 मार्च को शहादत दिवस पर देशभर में किसानों ने कार्यक्रम आयोजित किये। हरियाणा के भठगांव, सोनीपत में मशाल जुलूस निकाला गया। मध्यप्रदेश के अशोकनगर में नौजवानों ने अपने खून से इंकलाब जिंदाबाद के नारे लिखे और बड़े स्तर पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया। ओड़िशा के राउरकेला में शहादत दिवस पर किसानों ने कई कार्यक्रम किए। उत्तराखंड के श्रीनगर (गढ़वाल) में एआईडीएसओ की अगुआई में छात्रों ने किसानों के समर्थन में कार्यक्रम किये। एआईकेकेएमएस द्वारा बलिया के निकासी से रसड़ा तक किसान यात्रा निकाली गई। एआईकेकेएमएस की अगुआई वाली किसान यात्राएं टिकरी बॉर्डर पहुंचीं और कुरुक्षेत्र व सोनीपत में भी रैली निकाली गई। पश्चिम बंगाल के उत्तरपाड़ा में आईएसएफटीयू व पीवाईएल के कार्यकर्ताओं ने शहादत दिवस मनाया और 26 मार्च के भारत बंद के सफल आयोजन की अपील की। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में भी किसानों द्वारा शहीद दिवस पर कार्यक्रम हुए।
विशाखापट्टनम में किसानों द्वारा शहीद दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। एनबीएस व एआईकेएमएस द्वारा प्रयागराज के घूरपुर से नारीबारी तक रैली निकाली गई व नुक्कड़ सभाएं की गईं। चंडीगढ़ में एआईडीवाईओ द्वारा रैली निकाली गई। तेलंगाना के मचेरिअल में अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के नेतृत्व में शहादत दिवस पर रैली और सभा हुई जिसमें तीन खेती कानूनों को रद्द कराने, बिजली बिल 2020 वापस लेने और एमएसपी के लिए कानून बनाने की मांग उठाई गई।
24 मार्च को श्री फतेहगढ़ साहिब में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया जिसमें पंजाब के किसान संगठनों और धार्मिक संगठनों की अगुआई में हजारों किसानों ने भाग लिया।
शिवमोगा (कर्नाटक) में किसान नेता राकेश टिकैत पर दर्ज की गई एफआईआर की निंदा करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार को चेताया है कि वह डराने के हथकंडों से बाज आए।