31 मार्च। 27 मार्च को तमिलनाडु के कन्याकुमारी के नजदीक मनाकुडी में किसानों व मछुआरों की एक बड़ी महापंचायत आयोजित की गई। इस रैली में हज़ारों की संख्या में किसान, मजदूर व मछुआरे शामिल हुए। कई क्षेत्रीय मुद्दों समेत राष्ट्रीय मुद्दों पर हुई इस पंचायत में लोगों ने कहा कि वे चुनावों में भाजपा व उसके सहयोगियों को सबक सिखाएंगे। इस कार्यक्रम में 300 से ज्यादा नावों ने समुद्र में काले झंडे दिखाकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया।
महापंचायत का आयोजन संयुक्त संघर्ष समिति (जाइंट स्ट्रगल कमिटी) ने किया था। महापंचायत में प्रस्ताव पारित करके अडानी पोर्ट परियोजना को वापस लेने की मांग की गई, जो कि केंद्र सरकार के सागरमाला प्रोजेक्ट का हिस्सा है। यहां के लोगों का कहना है कि अडानी पोर्ट परियोजना इलाके के लाखों लोगों की आजीविका के साथ-साथ यहां के नाजुक पारिस्थितिकी संतुलन को भी नष्ट कर देगी। महापंचायत में बीजेपी तथा उसके सहयोगी दलों को विधानसभा तथा कन्याकुमारी लोकसभा सीट के उपचुनाव में हराने की अपील की गई।
पूर्व आइएस अधिकारी की अध्यक्षता में हुई इस महापंचायत को किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक धावले, किसान संघर्ष समिति के संयोजक कंवलप्रीत सिंह पन्नू और नेशनल फिश वर्कर्स फोरम के महासचिव ओलेन्सियो सिमोएस, 88 साल के सोशल एक्टिविस्ट और स्वतंत्रता सेनानी बिशप नाजरीन सूसाई, समाज सुधार के पक्षधर अय्या वैकुंटार मठ के बालाप्रजातिपति अडिगलार, फ्रेंड्स आफ अर्थ के सुंदरराजन, किसान सभा की तमिलनाडु इकाई के संयुक्त सचिव तुलसी नारायण आदि ने संबोधित किया। महापंचायत का संचालन ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कॉनफेडरेशन के थॉमस फ्रैंको ने किया।
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