12 अप्रैल। किसान संघर्ष समिति द्वारा आज पूर्व विधायक एवं किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ सुनीलम की अध्यक्षता में ऑनलाइन 280वीं किसान पंचायत सम्पन्न हुई। किसान पंचायत में मध्यप्रदेश शासन द्वारा उदयपुरा, खातेगांव और बड़वानी में किसान महापंचायत की अनुमति नहीं देने और दूसरी तरफ चुनाव आयोग द्वारा दमोह सहित पांच राज्यों में चुनाव कराने की निंदा की गई। किसान पंचायत को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने कहा कि मोदी सरकार कोरोना की रोकथाम में पूरी तरह असफल रही है। अब वह कोरोना के डर का इस्तेमाल देश में लोकतंत्र खत्म करने के लिए कर रही है। उर्वरकों की कीमतें बढ़ाना, एमएसपी पर खरीद सीमित करना यह बतलाता है कि केंद्र सरकार किसानी और गांव को खत्म करने पर आमादा है। किसान संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष आराधना भार्गव ने कहा कि गांव-गांव में किसान पंचायत करके कृषि कानूनों की असलियत बताने का काम करना चाहिए।
किसान संघर्ष समिति के मालवा निमाड़ क्षेत्र संयोजक रामस्वरूप मंत्री ने कहा कि गेहूं की कटाई शुरू हो चुकी है लेकिन मंडियों में खरीदी की कोई व्यवस्था नहीं है। लॉकडाउन के चलते मंडिया बंद हैं जिसके चलते किसान अपनी उपज नहीं बेच पा रहे हैं। समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए पंजीयन की भी कोई सुचारु व्यवस्था नहीं है जिसके चलते किसान परेशान हैं। दूसरी ओर, पिछले तीन-चार महीने से गेहूं व मक्का समर्थन मूल्य से नीचे पर बिक रहा है। खरगोन से सेंचुरी सत्याग्रह के कार्यकर्ता राजकुमार दुबे ने कहा कि सरकार ने 44 श्रम कानून खत्म कर 4 लेबर कोड बनाए हैं। अडानी-अंबानी की संपत्ति बढ़ रही है और किसानों-मजदूरों की आमदनी में कमी आ रही है।
किसान संघर्ष समिति बैतूल के जिलाध्यक्ष जगदीश दोड़के ने किसान संघर्ष समिति के उद्देश्यों को विस्तार से बताते हुए कहा कि वर्तमान किसान आंदोलन मुलताई और मंदसौर के किसान आंदोलन और किसानों की शहादत से प्रेरित है। भोपाल से किसान जागृति संगठन के अध्यक्ष इरफान जाफरी ने कहा कि बिजली के मामले में भी किसानों को परेशान किया जा रहा है। बिजली विभाग के लोग 3 हॉर्स पावर की मोटर का 5 हॉर्स पावर, 5 हॉर्स पावर का 7.5 तथा 7.5 हॉर्स पावर की मोटर हो तो 10 हॉर्स पावर का बिल ले रहे हैं। छिंदवाड़ा के अमूल गुर्वे ने कहा कि हम रसायन-मुक्त खेती के पक्षधर हैं। रासायनिक खेती से पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है। जैविक खेती से किसानों को कम लागत में अधिक लाभ होगा। इसलिए कम लागत की खेती करने के लिए जैविक खेती प्रशिक्षण शिविर लगाया जाना चाहिए। छतरपुर से दिलीप शर्मा ने बताया कि 14 जनवरी 1931 को छतरपुर में अंग्रेजों द्वारा किया गया गोली चालन जलियांवाला बाग कांड से भी भयावह था। लेकिन छतरपुर के शहीदों को प्रशासन द्वारा उपेक्षित किया गया।
नरसिंहपुर से भा.कि.यू. जिलाध्यक्ष बाबूलाल पटेल ने कहा कि छतरपुर में 18 जनवरी से किसानों का अनिश्चितकालीन धरना चल रहा था जिसे कोरोना के कारण स्थगित कर दिया गया। अब गांव-गांव जाकर किसान विरोधी कानूनों की जानकारी देंगे। मुख्यमंत्री ने 4000 रु. किसान कल्याण निधि देने की घोषणा की थी। किसानों द्वारा पटवारी को संपूर्ण दस्तावेज जमा कर दिए जाने के बाद भी किसान कल्याण योजना की राशि अभी तक नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में प्रत्येक ग्रामसभा में तीनों किसान विरोधी कानूनों को रद्द कराने का प्रस्ताव पारित कराया जाना चाहिए।
किसान संघर्ष समिति के रीवा क्षेत्र संयोजक इंद्रजीत सिंह ने कहा कि विगत 100 दिनों से रीवा करहरिया मंडी में धरना प्रदर्शन चल रहा था। जिला कलेक्टर, एसपी द्वारा कल रात में कोरोना संक्रमण से बचने के बहाने रीवा से ग्रामीण क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि आज किसानों ने ग्राम बिहरा में जल सत्याग्रह किया। सिलवानी से किसान संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव श्रीराम सेन ने कहा कि सरकार का सारा ध्यान कार्पोरेट को लाभ पंहुचाने पर है। भोपाल से अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव प्रहलाद दास बैरागी ने कहा कि किसान आंदोलन को दबाने के लिए प्रदेश में लॉकडाउन लगाया गया है। किसानों को भावांतर राशि प्रदान नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार के दबाने से किसान आंदोलन दबेगा नहीं।
भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन के संदीप ठाकुर ने कहा कि रबी की फसल का पंजीयन होने के बावजूद किसानों को खरीदी केंद्र पहुंचने पर एसएमएस नहीं मिल रहा है।
हरदा से किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष योगेश तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अडानी और अंबानी के कारोबारी स्वार्थ साधने में लगे हैं। अवैध खनन रोकने में सरकार नाकाम साबित हुई है। गंज बासौदा से अशोक दीक्षित ने कहा कि गंजबासौदा में किसानों की बात सुनने वाला कोई नहीं है। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष रामकिशन दांगी ने कहा कि तुलाई केंद्र पर भीड़ लगी हुई है। तुलाई केंद्र पर किसानों के लिए मूलभूत सुविधाएं नही हैं। किसानों को एसएमएस भेजने की क्या आवश्यकता है?
सभी का माल खरीदा जाना चाहिए। अप्रैल माह के अंत में किसान 150 ट्रैक्टर लेकर राजगढ़ से दिल्ली की ओर कूच करेंगे।
सिवनी से किसान संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव डॉ राजकुमार सनोडिया ने कहा कि 10 अप्रैल को गेहूं खरीदी केंद्र में आंधी, तूफान, पानी आने के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं। खरीदी केंद्र पर फसल सुरक्षित रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। अलीराजपुर से किसान संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष नवनीत मंडलोई ने कहा कि देशभर में किसान आंदोलन कर रहे हैं लेकिन मोदी सरकार पर कोई असर नहीं हो रहा है। मोदी सरकार अन्नदाता की आवाज को दबाने में लगी है। मुलताई से किसान संघर्ष समिति के भुरेंद्र मकोड़े ने कहा कि बैतूल जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं की जा रही है। गेहूं में चमक नहीं है कहकर गेहूं रिजेक्ट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों की फसल में पाला, ओलावृष्टि या बारिश के कारण कम चमक होती है। यदि प्राकृतिक आपदा से फसल प्रभावित हुई है तो फसल बीमा का भुगतान किया जाना चाहिए या एमएसपी पर खरीद खरीद की जानी चाहिए।
किसान संघर्ष समिति के महामंत्री भागवत परिहार ने कहा कि सरकार एक ओर कोरोना संक्रमण का डर दिखाकर किसानों को बाजार-हाट में जाने या लोगों को सामूहिक कार्यक्रम में जाने से रोकती है, वहीं दूसरी ओर दमोह में चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मतदान करने के लिए लोगों से अपने घरों से बाहर निकलने की अपील करते हैं। कहीं पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी किसानों को अपनी सब्जी, फल और दूध फेंकने को मजबूर न होना पड़े!
– भागवत परिहार, कार्यालय सचिव, किसंस,कार्यालय मुलतापी
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