22 अप्रैल। संयुक्त किसान मोर्चा ने फिर दोहराया है कि प्रवासी मजदूरों के पलायन के मद्देनजर उनके लिए धरना स्थलों पर आमंत्रण जारी है। किसी को भी इस गलतफहमी में न रहना चाहिए कि यह दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ाने की तरकीब है। गेहूं की कटाई के लिए गए किसान हजारों की तादाद में उत्साहपूर्वक वापस आ रहे हैं। हम प्रवासी मजदूरों के दुख-दर्द को समझते हुए उन्हें धरनास्थलों पर आमंत्रित कर रहे हैं ताकि उन्हें इस संकट की घड़ी में यात्रा व खाने-रहने की समस्या न हो। प्रवासी कामगारों को निमंत्रण इसलिए है क्योंकि देश के अन्नदाता के रूप में किसान, इन श्रमिकों के संकट को समझते हैं। किसान इन श्रमिकों को यह बताना चाहते हैं कि हम सबका भविष्य असंवेदनशील सरकार की नीतियों के कारण अब व्यर्थ होने जा रहा है, और उन्हें गांवों में वापस रोजगार मिलने की संभावना नहीं है। यहां, विरोध स्थलों पर, कोरोना के मद्देनजर जरूरी नियमों का पालन किया जा रहा है। एक बार सामान्य स्थिति का एक हिस्सा बहाल हो जाने के बाद, प्रवासी श्रमिक अपने रोजगार स्थलों पर वापस जा सकते हैं।