कोरोना आज देश-दुनिया में एक महामारी के रूप में फैल चुका है। हर दिन कोई न कोई दुखद सूचना मिलती रहती है। हर दिन एक या दो मित्र या परिचित हमसे बिछड़ रहे हैं।अभी हमने मित्र चरनजीत सिंह, प्रो रिज़वान कैसर, डॉ विक्रम सिंह, डॉ पीके सिंह के अलावा बहुत सारे पत्रकार मित्रों को खोया है। आज (12 मई 2021) सुबह-सुबह फिर एक मनहूस खबर मिली। हमारे एक और समाजवादी मित्र तुलसी शर्मा हमारे बीच नहीं रहे। सुबह-सुबह जब जैन साहब (प्रो राजकुमार जैन) ने फोन पर यह खबर बताई, मैं सन्न रह गया। मेरे पास कोई शब्द नहीं था। जैन साहब की आंखों में आंसू थे। आजकल हम इतने बुरे दौर से गुजर रहे हैं कि बयान नहीं किया जा सकता।
तुलसी शर्मा जी हमारे समाजवादी समूह में 1990 में शामिल हुए। सबसे पहले वे प्रो राजकुमार जैन के संपर्क में आए, जब जैन साहब पूर्वी दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे। शर्मा जी इसी इलाके के रहनेवाले थे। वैसे वे मूलरूप से हरियाणा के रहनेवाले थे। लेकिन बचपन से जीवन शाहदरा में बीता। वे बहुत ही मिलनसार थे। बहुत ही हंसमुख। हमलोग कल्पना में भी नहीं सोच सकते थे कि यह दिन देखना पड़ेगा। हमलोग अन्ना आन्दोलन में बहुत नजदीक आ गए। फिर प्रो आनंद कुमार के नेतृत्व में नागरिक मंच का निर्माण किया। वे उसके सक्रिय सदस्य थे। पिछले सात-आठ वर्ष से हमलोग नागरिक मंच का मासिक तथा वार्षिक कार्यक्रम मिलकर करते थे। इसकी कमी खलेगी।
एक साथी का जाना क्या होता है शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। सिर्फ दिल जानता है। ऐसे ही शाम में एक और मनहूस खबर मिली कि डॉ मन्नान साहब भी नहीं रहे। वे एक अफसर के साथ-साथ समाजसेवी भी थे। उन्होंने दिल्ली में अन्य कामों के अलावा शीला दीक्षित जी के शासन में राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट के निर्माण में बड़ा काम किया। नागरिक मंच ने 2019 में उन्हें नागरिक सम्मान से सम्मानित किया। आज नागरिक मंच एवं समाजवादी समागम इन सभी लोगों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
– अनिल ठाकुर