16 मई। संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा के हिसार में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की है। किसान पांच महीनों से ज्यादा समय से केंद्र सरकार के बनाए तीन कृषि कानूनों को किसान विरोधी कानून मानते हुए विरोध कर रहे हैं, विरोध-स्वरूप उनके धरने दिल्ली की सीमाओं पर जारी हैं। हरियाणा के किसान मुख्यमंत्री और मंत्रियों के दौरों पर भी अपना विरोध दर्ज कराते हैं। इसी क्रम में वे राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के हिसार दौरे पर विरोध जताने पहुंचे थे। मुख्यमंत्री चाहते तो किसानों के प्रतिनिधि मंडल को बुलाकर किसानों को अपनी बात रखने का मौका दे सकते थे। यही लोकतांत्रिक तरीका और एक निर्वाचित नेता का सलीका होता। लेकिन उन्होंने घोर दमनकारी रवैया अख्तियार किया। किसानों पर लाठीचार्ज किया गया और आंसू गैस के गोले दागे गए, जिससे पचासों किसानों को गंभीर चोटें आई हैं।
हिसार में किसानों पर हुए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे जाने की कड़ी निन्दा करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हरियाणा सरकार दमनकारी रवैये से बाज आए, वरना उसे किसानों के और भी जोरदार विरोध का सामना करना पड़ेगा। दमन से किसान आंदोलन खत्म नहीं होगा, खट्टर का राजनीतिक भविष्य जरूर खत्म हो जाएगा। लाठीचार्ज पर विरोध जताने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शाम 5 से 7 बजे तक दो घंटे के लिए पूरे हरियाणा में हाईवे जाम किए गए। इसके अलावा हिसार में आईजी के दफ्तर का घेराव किया गया। अलबत्ता, हाईवे जाम से एंबुलेंस, आक्सीजन ले जानेवाली गाड़ियों, अन्य मेडिकल सेवाओं और फौजी वाहनों को मुक्त रखा गया। संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में सोमवार को पूरे हरियाणा में थानों का घेराव करने का एलान किया है।