18 जून। शुक्रवार को गोवा की राजधानी पणजी में गोवा क्रांति दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर गोवा मुक्ति आंदोलन के प्रणेता डॉ. राममनोहर लोहिया द्वारा लिखित पुस्तक- ‘एक्शन इन गोवा’ का लोकार्पण गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष दिगम्बर कामत,कोंकणी भाषा मंडल के सचिव अनंत अग्नि एवं वरिष्ठ पत्रकार संदेश प्रभुदेसाई ने किया।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री डॉ. सावंत ने कहा कि डॉ. लोहिया द्वारा लिखी गई ‘एक्शन इन गोवा’ सिर्फ एक किताब नहीं है, बल्कि गोवा मुक्ति संग्राम के बारे में जानने की इच्छा रखने, गोवा मुक्ति संग्राम पर शोध करनेवाले छात्रों के लिए काफी अहम साबित होगी। इसके लिए उन्होंने डॉ. राममनोहर लोहिया रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्ली को बधाई दी। पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष दिगम्बर कामत ने कहा कि गोवावासियों पर डॉ. राममनोहर लोहिया का कभी न खत्म होने वाला ऋण है। अगर लोहिया नहीं होते तो शायद इस प्रदेश का भविष्य अंधकार में होता। ‘एक्शन इन गोवा’ किताब के बारे में उन्होंने कहा कि यह संयोग की बात है कि आज गोवा क्रांति दिवस की 75वीं वर्षगाँठ है और इस मौके पर 74 साल पुरानी किताब का लोकार्पण करने का सौभाग्य मिला।
उल्लेखनीय है कि साढ़े सात दशक बाद डॉ. लोहिया की इस महत्त्वपूर्ण किताब को पुनर्प्रकाशित करने कार्य डॉ. राममनोहर लोहिया रिसर्च फाउंडेशन ने किया है। यह किताब गोवा मुक्ति आंदोलन के बारे में जिज्ञासा रखनेवाले छात्रों एवं शोधार्थियों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी।
गोवा के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. सावंत ने कहा कि ‘एक्शन इन गोवा’ एक महत्त्वपूर्ण किताब है। अतः गोवा सरकार इस पुस्तक को राज्य के सभी उच्च विद्यालयों, उच्चतर माध्यमिक स्कूलों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों की लाइब्रेरी में अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएगी। इस बाबत उन्होंने शिक्षा निदेशालय, गोवा को निर्देश दिया है। डॉ राममनोहर लोहिया रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष अभिषेक रंजन सिंह ने कहा कि गोवा क्रांति दिवस की हीरक जयंती पर 18-19 जून 2021 को दो दिवसीय त्रि-देशीय सम्मेलन होना था। लेकिन कोरोना महामारी की वजह से यह सम्मेलन अब 18-19 सितंबर को रवींद्र भवन, मडगांव में होगा। उस सम्मेलन में गोवा मुक्ति आंदोलन पर दो अन्य किताबें, एक स्मारिका और 18 जून 1946 की घटना पर एक लघु फिल्म प्रदर्शित की जाएगी। इसके अलावा गोवा सत्याग्रह में भाग लेनेवाले सेनानियों को जीवित या मरणोपरांत डॉ. राममनोहर लोहिया स्मृति सम्मान प्रदान किया जाएगा।