2 जुलाई। ‘युवा हल्ला बोल’ संस्थापक अनुपम ने नीतीश सरकार पर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। अनुपम ने कहा कि STET शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में हुए खेल पर पर्दा डालने के लिए बिहार सरकार ने विज्ञापन से लेकर एफिडेविट तक हर नियम को ताक पर रख दिया है।
ज्ञात हो कि बिहार बोर्ड ने पटना हाईकोर्ट में एफिडेविट देकर कहा था कि STET एक प्रतियोगिता परीक्षा है, न कि पात्रता परीक्षा। इसी तर्ज पर विज्ञापन भी था जो कहता है कि विषयवार और श्रेणीवार कुल पदों के बराबर उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की मेधा सूची तैयार की जाएगी। जब 12 मार्च को परिणाम आया और सरकार ने बार बार कहा कि सभी 24,599 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पक्की है तो वो भी उसी नियम के तहत था। लेकिन सवाल है कि 21 जून से पहले ऐसा क्या हुआ कि सरकार अपने ही एफिडेविट से लेकर विज्ञापन तक सब कुछ भूल गयी?
‘युवा हल्ला बोल’ के प्रशांत कमल ने पूछा कि शिक्षा मंत्री अगर इसे पात्रता परीक्षा बता रहे हैं तो मेरिट लिस्ट क्यों बनाया गया था? अगर रिजल्ट में कोई गड़बड़ी नहीं है तो सामने आकर दूध का दूध और पानी का पानी क्यों नहीं कर देती सरकार? मतलब साफ है कि वो भ्रम की स्थिति फैला कर ऐसी परिस्थिति बनाना चाहती है जिसमें मामला कोर्ट चला जाए और भर्ती लटक जाए। बिहार के शिक्षक अभ्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
– ऋषव रंजन/9534251489