6 जुलाई। खरगोन जिले की सेंचुरी कंपनी के मजदूरों ने आज इंदौर पहुंचकर श्रम आयुक्त कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया तथा मिल प्रबंधन द्वारा अवैधानिक रूप से वीआरएस के लगाए नोटिस के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया। बड़ी देर तक सैंचुरी के मजदूरों, महिलाओं और पुरुषों, ने श्रम आयुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन कर वीआरएस के नोटिस और मिल को बेचने की साजिश के खिलाफ अपना रोष जताया।
मंगलवार की सुबह सैकड़ों की तादाद में सैंचुरी के मजदूर इंदौर पहुंचे थे। उन्होंने श्रम आयुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया तथा बाद में श्रम आयुक्त से चर्चा की तथा उन्हें स्थिति से अवगत कराया।
मजदूरों ने अवैधानिक रूप से मिल प्रबंधन द्वारा वीआरएस का नोटिस लगाए जाने की जानकारी जब श्रम आयुक्त को दी और उनसे पूछा कि क्या आप की स्वीकृति से यह नोटिस लगाया गया है तो उन्होंने कहा कि हमें कोई सूचना नहीं थी लेकिन आज ही ईमेल से मिल प्रबंधन ने हमें नोटिस की कॉपी भेजी है, वह कापी भी प्रतिनिधिमंडल को देते हुए कहा कि वीआरएस का मतलब ही है स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, जो मजदूर वीआरएस नहीं लेना चाहता उस पर कंपनी प्रबंधन दबाव नहीं बना सकता है।
मंगलवार को हुए इस प्रदर्शन का नेतृत्व नवीन मिश्रा, दुर्गेश खोते,चंचला सुनेरे, ज्योति भदाने, प्रमोद नामदेव, रामस्वरूप मंत्री, बैजनाथ यादव, हेमंत गोसावी, राजेश खेते, आदि ने किया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि सेंचुरी मिल के मालिक व प्रबंधन ने अवैधानिक रूप से वीआरएस का नोटिस लगाया है। जिन यूनियनों की मिल में कोई सदस्यता नहीं है या नाममात्र की सदस्यता है तथा जिसके बारे में श्रम आयुक्त के नोटिस के बाद भी वे अपनी सदस्यता सत्यापित नहीं कर पाए हैं, ऐसी यूनियनों से चर्चा करके मिल ने मजदूरों की पीठ में छुरा भोंकने का काम किया है।
मजदूरों में इसके खिलाफ आक्रोश है और वे फिर आंदोलन का रास्ता अपना रहे हैं। उनका कहना है कि हम सड़क की और कानून की, दोनों तरह की लड़ाई लड़ेंगे और मिल को चलाकर ही मानेंगे। प्रबंधकों द्वारा मिल को बेचने की जो साजिश रची जा रही है उसके खिलाफ 90 फीसदी मजदूर हैं और वे वीआरएस लेने को तैयार नहीं हैं।
प्रदर्शन में प्रमुख रूप से नवीन मिश्रा, संतोष गुप्ता, रामस्वरूप मंत्री, प्रमोद नामदेव, सोनू शर्मा, दुर्गेश खोते, शिवकुमार गिरी, बैजनाथ यादव, ज्योति बताने, चंचला सुनेर, सुदर्शन साहू, जबरी प्रसाद प्रजापति, सूर्यदेव भारद्वाज, हेमंत गोस्वामी, राजेश खेते सहित बड़ी संख्या में मजदूर व कर्मचारी मौजूद थे।
चर्चा में साफ रूप से श्रमिक संघ की ओर से कहा गया कि वीआरएस के नोटिस कानूनी प्रक्रिया का खुले रूप से उल्लंघन हैं। मिल चलाया जाना ही एकमात्र विकल्प है और यदि औद्योगिक अशांति फैलती है तो उसके लिए मिल प्रबंधन और शासन ही जिम्मेदार होगा। सेन्चुरी के श्रमिकों के साथ इंदौर और पूरे मध्यप्रदेश के श्रमिक तथा किसान संघर्ष में साथ रहेंगे।
– रामस्वरूप मंत्री