मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत आज, यूपी मिशन का होगा ऐलान

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5 सितंबर। संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि कल 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में होनेवाली किसान महापंचायत के माध्यम से किसान-विरोधी भाजपा के खिलाफ आंदोलन खड़ा कर 3 किसान विरोधी कानून रद्द कराने, बिजली संशोधन बिल 2020 वापस कराने और सभी कृषि उत्पादों की लागत से डेढ़ गुना दाम पर एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी की मांग पूरी कराने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा घोषित उत्तर प्रदेश – उत्तराखंड मिशन की ऐतिहासिक शुरुआत की जाएगी।

कल महापंचायत में शामिल होने के लिए हजारों किसान मुजफ्फरनगर पहुंच रहे हैं, जिनमें अब तक 15 राज्यों के किसान शामिल हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने दावा किया है कि 5 सितंबर की महापंचायत संयुक्त किसान मोर्चा के साथ खड़े किसानों, खेत मजदूरों तथा समर्थकों की ताकत का एहसास योगी-मोदी की सरकारों को करा देगी। 5 सितंबर की महापंचायत से यह भी साबित हो जाएगा कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 9 महीने से चल रहे किसान आंदोलन को समाज की सभी जातियों, धर्मों, राज्यों, वर्गों, छोटे व्यापारियों एवं समाज के सभी तबकों का समर्थन प्राप्त है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि पिछले 9 महीनों में देशभर में हुई महापंचायतों में मुजफ्फरनगर की महापंचायत अब तक की सबसे बड़ी महापंचायत होगी।

किसानों के भोजन आदि की व्यवस्था हेतु 500 लंगर सेवा शुरू की गई है जिनमें सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉली से चलायी जानेवाली मोबाइल लंगर व्यवस्था भी शामिल है। महापंचायत में शामिल होनेवाले किसानों की चिकित्सा जरूरतों का ख्याल रखते हुए 100 मेडिकल शिविर लगाये गये हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा ने विशेष तौर पर मुजफ्फरनगर और आसपास के जिलों के नागरिकों से अपील की है कि 5 सितंबर की महापंचायत में शामिल होने के लिए समय अवश्य निकालें और बाहर से आनेवाले किसानों को सहयोग करें।

महापंचायत को संयुक्त किसान मोर्चा के सभी प्रमुख नेता संबोधित करेंगे। महापंचायत में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के चुनाव को लेकर कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी तथा भारत बंद संबंधी महत्वपूर्ण ऐलान भी किया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि दिल्ली के बॉर्डरों पर किसान आंदोलन 26 नवंबर 2020 को शुरू होने के 3 महीने पहले से पंजाब के 32 किसान संगठन जमीनी स्तर पर आंदोलन चला रहे थे। पंजाब सरकार के द्वारा पिछले कुछ दिनों में आंदोलन के दौरान हजारों किसानों पर सैकड़ों एफआईआर दर्ज की गई है। किसान संगठनों ने पंजाब सरकार को 8 सितंबर के पहले किसानों पर लादे गए सभी फर्जी मुकदमे वापस लेने की अपील की है/अल्टीमेटम दिया है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में भाजपा के जनप्रतिनिधियों और नेताओं का विरोध जारी है। यह अब हिमाचल प्रदेश में भी फैल चुका है। दो दिन पहले हिमाचल प्रदेश में ठियोग में फल उगानेवाले किसानों ने हिमाचल प्रदेश के कृषिमंत्री वीरेंद्र कंवर तथा बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का सेब के दामों में तेजी से आ रही गिरावट को लेकर कई घंटों घेराव किया तथा राष्ट्रीय राजमार्ग भी रोका गया। हिमाचल के किसानों ने 13 सितंबर को कारपोरेट लूट के खिलाफ प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। उधर नासिक में टमाटर का दाम दो-तीन रुपये किलो मिलने से आक्रोशित किसानों ने टमाटर सड़कों पर फेंक कर विरोध प्रदर्शन किया। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि टमाटर हो या सेब, सभी फलों, सब्जियों, कृषि उत्पादों, वन उपजों, दूध, मछली सभी की एमएसपी पर खरीद की गारन्टी की जरूरत है। इसीलिए 600 किसानों की शहादत के बावजूद भी किसान आंदोलन जारी है और मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा।

संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली पुलिस द्वारा असम से आए किसानों के जत्थे को धारा 144 की आड़ में रोकने की निंदा करते हुए कहा है कि असम के किसान तमाम अवरोधों के बावजूद मुजफ्फरनगर पहुंचेंगे।

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