21 सितंबर। संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर एमएसपी के बारे सरकारी प्रचार को झूठा करार देते हुए कहा है कि पूरे भारत में विभिन्न वस्तुओं के लिए प्रचलित मंडी कीमत, जब खरीफ 2021 के लिए फसल का मौसम तेजी से आ रहा है, सरकार द्वारा घोषित अल्प एमएसपी से भी नीचे है। यह भी सर्वविदित है कि अधिकांश व्यापार मंडियों के बाहर हो रहा है, और किसानों को मिलनेवाली कीमतें औसत मंडी कीमतों से भी कम हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने ताजा बयान में बताया है कि भारत सरकार एमएसपी घोषणा मूल्य पर पहुंचने के लिए गलत लागत अवधारणा का उपयोग कर रही है, और व्यापक लागत सी2 का उपयोग एमएसपी फॉर्मूले, जो सी2 से कम से कम 50% और अधिक मार्जिन हो, के लिए नहीं किया जा रहा है। यह और भी अच्छी तरह से स्थापित है कि लागत अनुमान चाहे ए2 हो या सी2, स्वयं गलत तरीके से निकाले गए हैं, जैसा कि रमेश चंद समिति की रिपोर्ट द्वारा बताया गया। वर्तमान स्थिति भारत के किसानों की दुर्दशा के साथ-साथ मोदी सरकार की घोर उदासीनता को भी दर्शाती है, जो इस स्थिति से आंखें मूंद रखी है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर दोहराया है कि यह उचित समय है कि भारत सरकार एक ऐसा कानून बनाए जो कम से कम सभी कृषि वस्तुओं और सभी किसानों के लिए सी2+50% पर लाभकारी एमएसपी की गारंटी दे।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री के बयान की निंदा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एसआर बोम्मई ने आंदोलन कर रहे किसानों को ‘प्रायोजित’ कहा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने बोम्मई के इस बयान की कड़ी निन्दा की है। मोर्चा ने कहा है कि राज्य विधानसभा के पटल पर यह कहना और भी निंदनीय है। मोर्चा ने उनसे इस अपमानजनक बयान को वापस लेने की मांग की है।
उप्र में किसानों के विरोध से बौखलाई सरकार
उत्तर प्रदेश में जैसे ही किसान संगठनों ने मुख्यमंत्री के संभल क्षेत्र के दौरे के दौरान उनके खिलाफ काले झंडे के विरोध की योजना बनाना शुरू किया, पुलिस का दमन शुरू हो गया। कई किसानों को हिरासत में ले लिया गया। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार को यह याद रखना चाहिए कि शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार देश के सभी नागरिकों को है।
अन्य देशों में भी होगा समर्थन का इजहार
27 सितंबर 2021 को यानी भारत बंद के दिन अन्य देशों में भी एकजुटता के इजहार की योजना बनाई जा रही है। ब्रिटेन में 25 सितंबर को लंदन में इंडिया हाउस के बाहर एकजुटता का प्रदर्शन होगा। इस बीच कनाडा में भारतीय किसानों के विरोध का समर्थन वहां चुनावी मुद्दा बन गया है।
राज्यों में तैयारी बैठकें जारी
तमिलनाडु में मंगलवार को इरोड में एक राज्य स्तरीय योजना बैठक आयोजित की गई जिसमें राज्य में 27 सितंबर के बंद को सफल बनाने के लिए 65 से अधिक किसान संगठनों ने भाग लिया। कल महाराष्ट्र के लिए ऐसी ही एक योजना बैठक मुंबई में हुई। इस बैठक में किसानों, खेतिहर मजदूरों, संगठित और असंगठित श्रमिकों, कर्मचारियों, महिलाओं, युवाओं, छात्रों, शिक्षकों और अन्य वर्गों के लगभग 100 संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित नागरिकों ने भी भाग लिया।