25 अक्टूबर। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 26 अक्टूबर के राष्ट्रव्यापी विरोध का मुख्य एजेंडा लखीमपुर खीरी नरसंहार में न्याय की मांग है, जहां केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के काफिले ने चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या कर दी थी। मंत्री टेनी ने पहले भी किसानों के खिलाफ खुलेआम धमकी और द्वेषपूर्ण बयान दिये थे, और अब नरसंहार के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल का हिस्सा बने हुए हैं। मामले की जांच और न्याय में बाधा डालने के स्पष्ट प्रयास किये गये हैं। यहां तक कि उच्चतम न्यायालय ने भी माना कि सरकार जांच में अपने पैर खींच रही है।
तीन किसान-विरोधी कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की संवैधानिक गारंटी की मांग के अलावा, 26 अक्टूबर के राष्ट्रव्यापी विरोध की मांग में, अजय मिश्रा टेनी की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी और नरसंहार में उनकी भूमिका के लिए उनकी गिरफ्तारी, और उच्चतम न्यायालय की निगरानी में लखीमपुर खीरी हत्याकांड की एसआईटी जांच शामिल है।
जय किसान आंदोलन के अध्यक्ष अविक साहा ने एक बयान में कहा, “हम सभी किसानों और अन्य नागरिकों का आह्वान करते हैं कि वे लखीमपुर खीरी जनसंहार मामले में न्याय की मांग के लिए 26 अक्टूबर को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन में शामिल हों!”