31 अक्टूबर। जय किसान आंदोलन कई साल से राजस्थान में एमएसपी पर बाजरे की खरीद सुनिश्चित करने का मसला उठाता रहा है। एक माह पहले 2 अक्टूबर को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस बारे में जय किसान आंदोलन के योगेन्द्र यादव और दीपक लाम्बा ने पत्र भी लिखा था।
जय किसान आंदोलन के नेताओं ने एक बार फिर एमएसपी पर बाजरे की खरीद न होने और इस कारण किसानों की हो रही लूट उजागर करते हुए बाजरे की खरीद एमएसपी पर किये जाने की मांग दोहरायी है। जयपुर में रविवार को हुई प्रेस वार्ता में जय किसान आंदोलन के संस्थापक योगेंद्र यादव ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राजस्थान में एम.एस.पी को लेकर लूट चल रही है और इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकार दोनों पूरी तरह जिम्मेवार हैं।
पूरे देश के बाजरे की लगभग आधी पैदावार लगभग 4 करोड़ क्विंटल राजस्थान में होती है। बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2250 रुपए है लेकिन राजस्थान में बाजरा 1400-1450 रुपये में बिक रहा है। राजस्थान की मंडियों में आज लागत से कम में बाजरा बिक रहा है।
पिछले 4 साल में राजस्थान में एमएसपी पर बाजरे की खरीद, चाहे कांग्रेस की सरकार हो या बीजेपी की, एक भी क्विंटल नहीं कर पायी है। वहीं हरियाणा ने इस मामले में ज्यादा खरीद की है।
3200 करोड़ रुपये की लूट राजस्थान के किसान की सिर्फ बाजरे की फसल में हुई है।
जय किसान आंदोलन के अध्यक्ष अविक साहा ने राजस्थान के किसानों से और अधिक संख्या में किसान आंदोलन से जुड़ कर आंदोलन को मजबूत करने की अपील की। जय किसान आंदोलन के उपाध्यक्ष दीपक लाम्बा ने किसानों के लिए मंडियों में निरीक्षण की व जय किसान आंदोलन को गांव गांव तक पहुंचाने के बात की।
जय किसान आंदोलन की राजस्थान इकाई से कैलाश यादव जयपुर सम्भाग अध्यक्ष, प्रीति शर्मा जयपुर सम्भाग उपाध्यक्ष, विमल यादव जयपुर जिला अध्यक्ष, नेतराम अलवर जिला अध्यक्ष भी प्रेस वार्ता में उपस्थिति रहे।
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