19 नवंबर। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने तीन किसान-विरोधी, कॉर्पोरेट-समर्थक काले कानूनों की वापसी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा को किसानों और लोकतंत्र की ऐतिहासिक जीत बताते हुए कहा कि मैं बार-बार कह रहा था कि किसी एक दिन प्रधानमंत्री तीनों कृषि कानूनों की वापसी का राष्ट्र के नाम संदेश जारी करने को मजबूर हो जाएंगे। वह दिन आज आ गया, लेकिन इसकी बड़ी कीमत संयुक्त किसान मोर्चा ने 700 किसानों की शहादत देकर चुकायी है।
डॉ सुनीलम ने कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है तथा जिन किसानों के लिए सरकार ने कानून बनाने का दावा किया था, वे किसान 357 दिन से विरोध कर रहे थे। आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा।
डॉ सुनीलम ने कहा कि अडानी-अंबानी को यह समझ लेना चाहिए कि देश उनकी बपौती नहीं है तथा कोई भी सरकार देश को पूंजीपतियों को सौंपने की हैसियत नहीं रखती है।
डॉ सुनीलम ने संयुक्त किसान मोर्चा के शानदार नेतृत्व को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें अब पूरी ताकत उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के चुनाव पर लगानी चाहिए ताकि देश और दुनिया में यह संदेश जा सके कि जो भी सरकार किसानों, मजदूरों से पंगा लेगी उसे बख्शा नहीं जाएगा।
डॉ सुनीलम ने कहा कि प्रधानमंत्री को तत्काल लखीमपुर खीरी हत्याकांड के जिम्मेदार केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त करने के साथ-साथ हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को तत्काल बदलकर यह बतलाना चाहिए कि वह किसानों पर अत्याचार करने वाले मुख्यमंत्रियों का साथ नहीं देंगे।
डॉ सुनीलम ने कहा कि प्रधानमंत्री को शहीद किसानों को श्रद्धांजलि देने, उनके परिवारों के आश्रितों को एक-एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने तथा दिवंगत किसानों का दिल्ली में स्मारक बनाने की घोषणा करनी चाहिए।
डॉ सुनीलम ने कहा कि देश की जनता ने जिस तरह से इमरजेंसी का विरोध कर इंदिरा गांधी का विरोध किया था, उसी तरह नरेंद्र मोदी को तीनों किसान विरोधी कानून वापस लेने को मजबूर कर यह साबित कर दिया है कि भारत में लोकतंत्र की जड़ें बहुत मजबूत हैं तथा भारत में लोकतंत्र को कोई खत्म नहीं कर सकता।
डॉ सुनीलम ने कहा कि तीन कृषि कानून वापसी के बाद एमएसपी की कानूनी गारंटी पाने और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी के साथ-साथ बिजली संशोधन बिल वापस कराने की किसानों की अहम मांगें अभी बाकी हैं। इसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा अपनी रणनीति शीघ्र ही तय करेगा।