5 दिसंबर। संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बयान उस बयान पर एतराज जताया है जिसमें उन्होंने विरोध कर रहे किसानों से आंदोलन समाप्त कर वापस जाने की अपील की है। संयुक्त किसान मोर्चा ने तोमर को याद दिलाया है कि कई मुद्दे अभी भी लंबित हैं और उन्हें 21 नवंबर को एसकेएम द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में स्पष्ट रूप से सूचीबद्ध किया गया है। सरकार को इन लंबित मुद्दों पर पांच सदस्यीय समिति के साथ चर्चा करनी चाहिए जो इस उद्देश्य के लिए 4 दिसंबर को एसकेएम की बैठक में गठित की गई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने उम्मीद जताई है कि 7 दिसंबर से पहले केंद्र सरकार बातचीत कर बाकी सभी मुद्दों का सामाधान करेगी।
इस बीच, फर्जी पुलिस केस वापस लेने और शहीदों को मुआवजा देने के संबंध में हरियाणा एसकेएम की हरियाणा सरकार के साथ पहले दौर की बातचीत 3 दिसंबर को हुई है और इस मामले में कुछ प्रगति हुई है। पंजाब सरकार ने भी इस दिशा में ठोस आश्वासन दिए है। उत्तर प्रदेश और दिल्ली के साथ-साथ अन्य राज्यों में दर्ज मुकदमों की वापसी को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा सरकारों के निर्णय की प्रतीक्षा कर रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा का मानना है कि 708 शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजे की जिम्मेदारी के लिए केंद्र सरकार को आगे आना चाहिए।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन के दौरान शुरू हुए सभी पक्के मोर्चे यथावत जारी है। वर्धा (महाराष्ट्र) में 357 दिन, सवाई माधोपुर (राजस्थान) में 321 दिन, सिवनी (मध्यप्रदेश) में 81 दिन, तथा रीवा (म.प्र.) में 337 दिन से धरना जारी है। पंजाब, हरियाणा सहित राज्यों में भी धरने यथावत जारी हैं तथा विभिन्न राज्यों में किसान संगठनों की आंदोलन के भावी स्वरूप को लेकर बैठकें और चर्चा का दौर जारी है।
किसान आंदोलन की जीत को लेकर रेवाड़ी सहित देशभर से किसान संगठनों द्वारा विजय जुलूस निकालने और समर्थन देने वाले नागरिक संगठनों का अभिनंदन करने की खबरें लगातार प्राप्त हो रही हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक 7 दिसंबर को होगी जिसमें आंदोलन की भावी रूपरेखा तय की जाएगी।