11 जून। मध्य प्रदेश सरकार किसान हितैषी होने का कितना ही दावा करे लेकिन हाल ही में खरीफ फसल के लिए लगने वाली सिंगल सुपर फास्फेट और पोटाश खाद के दाम डेढ़ गुने से दोगुने तक बढ़ा दिए गए हैं जो सरकार की किसान विरोधी नीति को उजागर करते हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री, किसान मजदूर सेना के बबलू जाधव और शैलेंद्र पटेल, अखिल भारतीय किसान सभा के अरुण चौहान, किसान खेत मजदूर संगठन के सोनू शर्मा, किसान संघर्ष समिति के दिनेश सिंह कुशवाह आदि ने खाद के मूल्यों में की गई वृद्धि को किसानों की कमर तोड़ने वाला बताते हुए कहा है कि सरकार मौखिक रूप से दावे तो भले ही किसान हितेषी होने का करें लेकिन हर बार निर्णय किसानों के खिलाफ ही करती है।
हाल ही में मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ ने खरीफ सीजन के लिए खाद के दामों का नया निर्धारण किया है जिसके तहत पोटाश खाद के अब तक ₹1000 थे जो अब ₹700 बढ़ाकर ₹1700 तक कर दिए गए हैं वही सिंगल सुपर फास्फेट के दाम ₹ 275 से बढ़ाकर ₹425 बोरी कर दिए गए हैं। सरकार द्वारा अचानक खाद के दामों में की गई वृद्धि से किसानों में आक्रोश है और वे विरोध की रणनीति बनाने में जुट गए हैं।
वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार के अचानक निर्यात बंद करने के फैसले पर पहले ही गेहूं के दाम में भारी गिरावट देखी गई है मंडियों में समर्थन मूल्य से कम पर किसानों के गेहूं बिकने से किसानों भारी नुकसान उठाना पड़ रहा जहां पहले गेहूं 2100 से 2200 के बीच बिक रहा था जो निर्यात बंद होने के बाद 1800 से 2000 के अंदर बिक रहा है किसान आज एमएसपी से कम पर बेचने को मजबूर हैं बीते कुछ महीनों में आलू लहसुन प्याज के दाम नहीं मिलने से किसानों की आर्थिक स्थिति खराब है।
आज जब खरीफ फसल की बुवाई का समय है और खाद की आवश्यकता है तब अचानक मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ ने खाद के दामों में बेतहाशा वृद्धि की है जो सहन करने लायक नहीं है।
सभी किसान संगठनों ने सरकार से मांग की है वह खाद की मूल्यवृद्धि तत्काल वापस ले अन्यथा किसान संगठन आंदोलन करने को बाध्य होंगे।