देश में बेरोजगारी लाकडाउन के दौर से भी ज्यादा

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30 जनवरी। रेलवे के गैरतकनीकी पदों के नाराज अभ्यर्थियों के आंदोलन के कारण इन दिनों बेरोजगारी और युवा असंतोष किसी हद तक चर्चा का विषय बना है। यह सही है कि रेलवे काफी बड़ा विभाग है इसलिए भर्तियों की गुंजाइश और न होने पर असंतोष का दायरा भी अधिक होता है। लेकिन मसला सिर्फ रेल विभाग का नहीं है। सरकारी आंकड़े भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि देश में बेरोजगारी भयावह शक्ल अख्तियार कर चुकी है। यही नहीं, यह और बढ़ती जा रही है।

सीएमआईई यानी सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में 2021 में सितंबर-दिसंबर के दौरान बेरोजगारों की कुल संख्या 3.18 करोड़ थी और इनमें से 3.03 करोड़ 29 वर्ष से कम आयु के हैं। बेरोजगारों की यह तादाद 2020 के लाकडाउन के दौर से भी ज्यादा है। फिर, 1.24 करोड़ युवा ऐसे हैं जो रोजगार चाहते तो हैं लेकिन सक्रियता से खोज नहीं रहे हैं, थक-हार कर बैठ गए हैं। अगर इनकी तादाद भी जोड़ लें तो देश में युवा बेरोजगारों की तादाद 4.27 करोड़ तक पहुंच जाती है।


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