बंगाल के बीरभूम जिले के किसानों को विस्थापित न किया जाए : एसकेएम

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United kisan morcha

22 फरवरी। संयुक्त किसान मोर्चा ने पश्चिम बंगाल से आ रही रिपोर्टों को गम्भीरता से नोट किया है कि बीरभूम जिले के देवचा-पंचमी-हरिनसिंह-दीवानगंज क्षेत्र के किसानों को राज्य सरकार द्वारा घोषित “मुआवजे पैकेज” को स्वीकार करने के लिए, और अपने खेत और चरागाहों को छोड़ने के लिए, जिस पर राज्य सरकार ग्रीनफील्ड कोयला खनन परियोजना स्थापित करना चाहती है, मजबूर किया जा रहा है।

जानकारी मिली है कि ऐसे किसानों में से लगभग एकतिहाई संथाल आदिवासी हैं, और अल्पसंख्यक समुदाय और वंचित वर्गों की एक बड़ी आबादी भी है। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने ग्रामसभा आयोजित करने, खनन परियोजना का विवरण और पुनर्वास पैकेज प्रस्तुत करने, और ऐसी सभाओं में ग्रामीणों से सहमति प्राप्त करने की कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया है।

इसके बजाय, प्रशासन ने व्यक्तियों से कथित सहमति प्राप्त करने की एक गुप्त प्रक्रिया का पालन किया है, जो कि अवैध है। मीडिया रिपोर्टों से यह भी पता चलता है कि स्थानीय पुलिस और प्रशासन द्वारा किसानों के लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण विरोधों का बेरहमी से दमन किया जा रहा है और आदिवासी ग्रामीणों पर आतंक का राज कायम है। इनमें से कई ग्रामीणों को, उनका समर्थन करनेवाले कार्यकर्ताओं के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया ।

एसकेएम यह स्पष्ट करता है कि किसानों को खनन और उद्योग के लिए अपने खेत, चारागाह, आवासभूमि और कृषि आजीविका को छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए, जब तक कि वे अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्वास अधिनियम, 2013 में भूमि के उचित मुआवजे और पारदर्शिता के अधिकार के स्पष्ट रूप से निर्धारित प्रक्रिया के माध्यम से अपनी सहमति नहीं देते। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि वह हमेशा किसानों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए संघर्ष करेगा और किसी भी संकट में भारत के कृषि समाज के साथ खड़ा होगा।

एसकेएम पश्चिम बंगाल सरकार से देवचा-पंचमी-हरिनसिंह-दीवानगंज क्षेत्र के किसानों की आवाज को पारदर्शी, सार्वजनिक और कानूनी रूप से अनिवार्य तरीके से सुनने का आग्रह करता है ताकि किसानों के साथ न्याय हो सके। एसकेएम ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री से स्थानीय पुलिस और प्रशासन को ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं के दमन और गिरफ्तारी को तुरंत रोकने और शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक जुड़ाव का माहौल शुरू करने का निर्देश देने का आग्रह किया।

जारीकर्ता-

डॉ दर्शनपाल, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह दल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहन, शिवकुमार शर्मा (कक्काजी), युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव

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