9 मार्च। झारखण्ड के खूंटी जिले में केंद्र की ‘स्वामित्व योजना’ के तहत बनने वाले व्यक्तिगत संपत्ति कार्ड के विरोध में आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच के संयुक्त बैनर पर 8 मार्च 2022 को खूंटी के जादुरा मैदान में जनसभा का आयोजन किया गया। सभा में वक्ताओं ने मांग कि सरकार आदिवासी मूलनिवासी किसानों के परंपरागत अधिकार सीएनटी/एसपीटी एक्ट, मुंडारी खूंटकटी अधिकार, 5वीं अनुसूची के अधिकारों सहित 1932 के खतियान के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करें। साथ ही 5वीं अनुसूची क्षेत्र एवं आदिवासी बहुल खूंटी जिला में ग्रामसभा को स्वामित्व योजना की सही जानकारी दिए बिना एवं ग्राम सभा की सहमति के बिना जबरन संपति कार्ड बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में जमीन का ड्रोन सर्वे को तुरंत रोका जाये। इस मौके पर खूंटी उपायुक्त को आदिवासी मूलनिवासी अस्तित्व रक्षा मंच की ओर से ज्ञापन भी दिया गया। पेश है ज्ञापन :
8 मार्च 2022
सेवा में,
उपायुक्त महोदय
खूंटी (झारखण्ड)
विषय : ग्राम सभाओं की असहमति के बावजूद जबरन संपति कार्ड बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र की जमीन का ड्रोन सर्वे किया गया है को रद्द किया जाए, साथ ही आगे ड्रोन से ग्रामीण क्षेत्र की जमीन का सर्वे को रोकने की मांग करते हैं, एवं आदिवासी-मूलनिवासी किसानों के परंपरागत अधिकार सीएनटी एक्ट, एसपीटी एक्ट, मुंडारी खूंटकटी अधिकार, 5वीं अनुसूची के अधिकारों सहित 1932 के खतियान में प्रावधान अधिकारों का कड़ाई से पालन किया जाए।
पांचवी अनुसूची क्षेत्र के आदिवासी बहुल खूंटी जिला में परंपरागत ग्राम सभाओं के लिखित असहमति एवं विरोध के बावजूद जबरन ग्रामीण क्षेत्रों के जमीन का ड्रोन से सर्वे किया गया है, इसे रद्द किया जाए।
साथ ही आगे भी ग्राम सभाओं एवं ग्रामीणों के सहमति के बिना ग्रामीण क्षेत्र की जमीन का ड्रोन सर्वे नहीं किया जाए। ग्रामीणों के मना करने के बावजूद सर्वे टीम चोरी-छिपे बार -बार गांवों में घुस कर जबरन सर्वे करने की कोशिश कर ग्रामीणों को परेशान किया जा रहा है। ग्राम सभाओं द्वारा प्रखंड एवं अंचल अधिकारियों को दिए गयेे लिखित असहमतियों की अनदेखी कर ग्रामीणों को परेशान करना, ग्राम सभा के अधिकार, पेसा कानून एवं पांचवी अनूसूची के अधिकारों का हनन है।
केंन्द्र की स्वामित्व योजना के तहत बनने वाली संपत्ति कार्ड बनाने के लिए ग्रामीणों को सर्वे पूर्व सही जानकारी नहीं दी गयी। सिर्फ कहा गया कि-केवल घर का सर्वे किया जाएगा। जबकि पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार की स्वामित्व योजना के कार्यान्वयन के लिए रूपरेखा एवं प्रखंड के कर्मचारियों के द्वारा प्राप्त स्वामित्व योजना की गाईडलाइन-नियमावली से स्पष्ट है कि, उच्चतकनीक के ड्रोन से ग्रामीण क्षेत्रों की पूरी संपति का सर्वे कर डिजिटल नक्सा तैयार किया जाएगा। जो भारत सरकार का डिजिटल इंण्डिया, भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम का हिस्सा है।
झारखंड 5वीं अनुसूची में आता है, यहां सीएनटी एक्ट, एसपीटी एक्ट का भी विशेष प्रावधान है। खूंटी जिला में मुंण्डारी खूंटीकटी व्यवस्थ्या वाले गांव भी हैं। यहां जंगल-जमीन संबंधित आदिवासी समुदाय के अपना पारंपरिक अधिकार हैं। जो खतियान, खतियानप्प्, विलेज नोट में भी दर्ज है, यही हमारी स्वमित्व की पहचान है। जो जंगल-जमीन एवं आदिवासी समुदाय के सामाजिक, आर्थिक, एवं सांस्कृतिक अस्तित्व का रीढ़ है।
(संघर्ष संवाद से साभार)