31 मार्च। त्रिपुरा के सिपाहीजाला जिले में मंगलवार को एक 26 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति को भीड़ ने इसलिए पीट-पीट कर मार डाला कि उसपर “एक मवेशी चोरी” का संदेह था। मृतक की पहचान सोनमुरा अनुमंडल के जात्रापुर थाना क्षेत्र के तारापुकुर निवासी लितान मिया के रूप में हुई है। ‘द टेलीग्राफ’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने मीडिया को सूचित किया कि पीड़ित के पिता जमाल मियां के द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद घटना के संबंध में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मीडिया को बताया कि आरोपियों की पहचान सेंतु देबनाथ और अमर चंद्र दास के रूप में हुई है और उनके खिलाफ 302 (हत्या) समेत आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगलवार सुबह पुलिस को सूचना मिली कि ग्रामीणों ने एक युवक को ”हिरासत” में लिया है। जब पुलिस वहाँ पहुँची तो कथित तौर पर “पिटाई के बाद उसे गंभीर रूप से घायल पाया”। हमलावरों ने पुलिस को बताया कि उन्हें शक था कि वह व्यक्ति मवेशी चोर था।
‘द टेलीग्राफ’ ने बताया कि जैसे ही हमले की खबर फैली, सैकड़ों स्थानीय लोगों ने विपक्ष के नेता माणिक सरकार के निर्वाचन क्षेत्र धनपुर में पीड़ित के लिए न्याय की माँग करते हुए सड़क जाम कर दिया।
महीने भर के भीतर लिंचिंग का यह दूसरा मामला है। इससे कुछ दिनों पहले पश्चिम बंगाल के मिदनापुर के रहनेवाले 32 वर्षीय मुस्लिम राजमिस्त्री शेख पोल्टू कथित सांप्रदायिक नफरत के हमले का शिकार हुए थे। हिंदुत्ववादियों की भीड़ ने कथित तौर पर उनपर हमला किया था जिसके बाद पीड़ित ने दम तोड़ दिया था।
फरवरी में बिहार से भी एक लिंचिंग की सूचना मिली थी, जहां मोहम्मद खलील आलम के रूप में पहचाने गए एक मुस्लिम व्यक्ति की कथित तौर पर हत्या कर दी गयी और बाद में उसके शव को जला दिया गया। आलम का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें वह बीफ खाने के आरोप में अपनी जान की गुहार लगाते हुए सुना गया था। पुलिस के मुताबिक इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और इस वीडियो को हत्या से पहले बनाया गया था ताकि घटना को सांप्रदायिक रंग दिया जा सके। आरोपियों ने कथित तौर पर 16 फरवरी को दावा किया था कि उन्होंने पैसे के लिए उसकी हत्या नहीं की बल्कि “जागरूकता पैदा करने के लिए” वीडियो बनाया।
(Sabrang India से साभार)