9 अप्रैल। स्वराज इंडिया से जुड़े संगठन महिला स्वराज ने बजरंग मुनि द्वारा मुस्लिम महिलाओं के बलात्कार के बर्बर और आपराधिक आह्वान को स्तब्ध कर देने वाला बताया है। महिला स्वराज ने कहा है, यह पूरे महिला वर्ग के खिलाफ एक बहुत बड़ा हमला और अक्षम्य अपराध है। इस तरह के आह्वान को ज़ुबान फिसल जाने या उत्तेजना के क्षण में की गयी बातें समझ कर नजरअंदाज या माफ नहीं किया जा सकता है। जहां एक तरफ ऐसे बयान सांप्रदायिक नफरत को बढ़ावा दे रहे हैं, वहीं यह प्रकरण ऐसे शब्द बोलने वाले लोगों की और इस मुद्दे पर अब तक समर्थन और चुप्पी बनाए रखनेवाले लोगों की द्वेषपूर्ण मानसिकता को भी दर्शाता है। इसे एकाध छिटपुट घटना मानकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह बुल्ली ऐप और सुल्ली ऐप जैसी पिछली घटनाओं का ही विस्तार है। धर्म के आधार पर एक समुदाय का अमानवीयकरण हमारे संवैधानिक मूल्यों पर एक धब्बा है। साथ ही यह महिलाओं के खिलाफ गहरे पूर्वाग्रह का भी संकेत है, जिन्हें इंसान नहीं माना जाता है, बल्कि डर पैदा करने के लिए जीती या नष्ट की जानेवाली वस्तु समझा जाता है।
महिला स्वराज की मांग है कि इस स्वघोषित महंत बजरंग मुनि को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और कानून के अनुसार दंडित किया जाए। जहाँ इस गिरफ्तारी की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस पर है, जो पिछले तीन दिनों से केवल कार्रवाई का आश्वासन का ट्वीट कर रही है, वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग को न केवल इस घटना, बल्कि देश भर में हो रही ऐसी सभी घटनाओं का स्वतः संज्ञान लेना चाहिए, और समाज में इस तरह के जहर को फैलने से रोकने के निर्देश जारी करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। ऐसी घटनाओं पर निष्क्रियता महिलाओं के अपमान और उत्पीड़न को प्रोत्साहित करती है, और अपराधियों को सशक्त करती है। यह “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान के साथ-साथ “सबका साथ, सबका विकास” का भी मजाक है।
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